नौकरी करने वालों के लिए Form 16 बेहद अहम होता है, ये आयकर रिटर्न (Income Tax Return) दाखिल करने में हेल्प करता है, इसके बगैर आप इनकम टैक्स रिटर्न नहीं भर सकते यानि ये आईटीआर के लिए सबसे अहम दस्तावेज होता है। आप जब अपना रिटर्न फाइल करें तो उससे पहले फॉर्म-16 की अहम जानकारियों को एक बार चेक कर लें ताकि आपको आगे कोई दिक्कत नहीं आए।
यह फॉर्म कर्मचारी को कंपनी देती है, वैसे तो फॉर्म-16 का प्रारूप काफी कुछ पहले जैसा है. लेकिन, इस साल आपको पिछले सालों की तुलना में अधिक जानकारी देनी है साथ ही इस बार आपकी कंपनी को फॉर्म-16 के दोनों पार्टों यानी पार्ट ए और पार्ट बी को इनकम टैक्स विभाग की ट्रेसेज वेबसाइट से ही डाउनलोड करना है सभी कर्मचारियों को फॉर्म के दोनों हिस्सों का प्रारूप स्टैंडर्ड फॉर्मेट में मिलेगा।
पैन नंबर को चेक करना बेहद अहम है, फार्म-16 में आपका PAN सही तरीके से दर्ज है या नहीं, ये देख लें क्योंकि अगर पैन नंबर गलत होगा तो आपकी सैलरी से जो टैक्स काटा गया है वह FORM-26AS में नहीं दिखेगा और आप आईटीआर दाखिल करते वक्त टैक्स क्रेडिट क्लेम नहीं ले पाएंगे।फॉर्म 26एएस आपकी टैक्स पासबुक है, आपने कोई एडवांस टैक्स या सेल्फ एसेसमेंट टैक्स दिया है तो वे भी फॉर्म 26एएस में दिखते हैं।
फार्म-16 के पार्ट- A में आपके एंप्लॉयर की ओर से काटे गए टैक्स का संक्षिप्त विवरण होता है और इसमें आपका नाम, पता, कंपनी का टैन और पैन व काटकर सरकार को जमा किए गए टैक्स का तिमाही ब्योरा होता है यानि आपके पैन पर सरकार के पास कितना टैक्स जमा हुआ है उसका तिमाही ब्योरा होता है इसमें आपकी सैलरी से कितना टैक्स कटा है यह भी जानकारी हो जाती है।
फॉर्म 16 के पार्ट बी में आपको मिली इनकम का ब्योरा होता है फॉर्म 16 में इनकम का ब्योरा विस्तार से दिया जाता है इस साल ITR-1 में जिस फॉर्मेट में विवरण भरना है, वह फॉर्म 16 जैसा है यानि करदाताओं को केवल फॉर्म-16 से विवरण को कॉपी कर आईटीआर-1 में उसी जगह पेस्ट कर देना है, लोगों को फॉर्म 16 के साथ पहले से भरी सूचना को क्रॉस-चेक कर लेना चाहिए।
इस साल फॉर्म-16 में टैक्स सेविंग डिडक्शन का ब्रेक-अप दिखेगा, इस साल से फॉर्म-16 के दोनों हिस्से ट्रेसेज के पोर्टल से डाउनलोड करने हैं इसलिए पार्ट ए और पार्ट बी में ट्रेसेज का लोगो और विशिष्ट आईडी दिखेगी।
ऑनलाइन इनकम टैक्स रिटर्न 1 फॉर्म का चौथा टैब 'कर विवरण (टैक्स डीटेल्स)' का है। इस टैब में वित्त वर्ष 2018-19 में आपकी इनकम से काटे गए सभी टैक्स की जानकारी है। एक बार इनकम डीटेल्स भर देने के बाद आप डिडक्शंस क्लेम कर सकते हैं। उसके बाद आप पर कितना टैक्स बनता है, इसकी कैलकुलेशन अपने आप हो जाएगी।
आईटीआर फाइल करने से पहले सैलरी स्लिप और फॉर्म 26AS के साथ फॉर्म 16 में उपलब्ध जानकारी को क्रॉस-चेक कर वेरिफाई करना चाहिए, अगर इसमें कोई गड़बड़ी दिखती है तो आपको यह बात तुरंत अपनी कंपनी को बतानी चाहिए।वहीं संस्थान के लिए फॉर्म 16 जारी करना जरूरी है, इसके अलावा साल के बीच में अगर नौकरी बदलती है तो भी कंपनी को फॉर्म 16 जारी करना पड़ता है।
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