नई दिल्ली : देश के कई इलाकों में टिड्डी दलों के हमले को देखते हुए नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) की ओर से भी दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। बताया जा रहा है कि टिड्डियों के कारण विमानों को उड़ान भरने और लैंड करने में दिक्कतें आ रही हैं, जिसे ध्यान में रखते हुए डीजीसीए ने शुक्रवार को पायलटों और हवाई यातायात नियंत्रकों के लिए दिशानिर्देश जारी किए।
डीजीसीए की ओर से जारी सर्कुलर में कहा गया है कि हालांकि एक अकेला टिड्डी आकार में काफी छोटा होता है। लेकिन बड़ी संख्या में टिड्डियों के होने पर पायलट को सामने सही तरीके से देखने में मुश्किल हो सकती है। ऐसे में विमान के उड़ान भरने, लैडिंग करने और उसे पार्किंग तक ले जाने में कई तरह की मुश्किलें आ सकती हैं। डीजीसीए ने इस हालात से निपटने में वाइपर के इस्तेमाल को लेकर भी दिशा-निर्देश दिए हैं और कहा है कि इस पर विचार करने की जरूरत है।
डीजीएस की ओर से जो दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं, उसके मुताबिक ऐसे समय में वाइपर का इस्तेमाल करने से पायलट के सामने के कांच पर टिड्डियों के धब्बे और फैल सकते हैं। यह उनकी दृश्य क्षमता को और खराब कर सकता है। इसलिए पायलट को वाइपर का इस्तेमाल करने से पहले इस बारे में विचार करना चाहिए। बड़ी संख्या में टिड्डियों के होने से पायलट का जमीन का दृश्य भी कमजोर होता है। इसके लिए भी उन्हें सचेत रहना चाहिए।
डीजीसीए ने हवाई यातायात नियंत्रकों को उनके नियंत्रण वाले हवाईअड्डों पर टिड्डियों से जुड़ी जानकारी हर आगमन और प्रस्थान वाली उड़ान के साथ साझा करने की सलाह दी है। साथ ही कहा है कि पायलट भी यदि कहीं टिड्डियों को देखते हैं तो उन्हें उनके स्थान की जानकारी साझा करनी चाहिए।
यहां उल्लेखनीय है कि देश के कई हिस्सों में टिड्डी दलों के हमले से चिंता बढ़ गई है। राजस्थान के कई इलाकों में इन पर ड्रोन से नजर रखी जा रही है, जबकि पंजाब, गुजरात, महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश के कई इलाकों में भी इनकी उपस्थिति है। पिछले करीब दो दशकों में भारत में यह टिड्डी दल का यह पहला बड़ा हमला है। राजस्थान में इससे फसलों को भी नुकसान पहुंचा है।
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