नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच पैदा हुए हालात को देखते हुए बड़ा निर्णय लिया है। वित्त मंत्रालय ने सभी मंत्रालयों / विभागों को कहा है कि वह उन ठेका श्रमिकों और आउटसोर्स कर्मचारियों का वेतन ना काटे जो लॉकडाउन की अवधि के दौरान दफ्तर आकर काम करने में असमर्थ हैं। मंत्रालय ने इसे ड्यूटी मानने का आदेश दिया है।
सरकार ने मंत्रालयों और विभागों को जारी आदेश में कहा है कि लॉकडाउन कि वजह से कई संविदा, कैजुएल और आउटसोर्स कर्मचारियों के घर पर रहने की संभावना होती है, जिसके परिणामस्वरूप सामान्य परिस्थितियों में उनके वेतन / मजदूरी में कटौती होती है। मौजूदा असाधारण परिस्थितियों में किसी भी अनुचित कठिनाई से बचने के लिए, यह निर्णय लिया गया है कि जहां भी भारत सरकार के मंत्रालयों / विभागों और अन्य संगठनों ये कर्मचारी काम करते हैं उनका भी लॉकडाउन आदेश के मद्देनजर घर पर रहना आवश्यक है ताकि कोविड 19 के फैलाव को रोका जा सके। आदेश के मुताबिक इस दौरान अनुपस्थित कर्मचारियों को ड्यूटी पर माना जाएगा।
इससे पहले लोकसभा में बुधवार को कांग्रेस सहित कुछ दलों के सदस्यों ने कोरोना वायरस के मद्देनजर गरीबों एवं असंगठित क्षेत्र के लोगों को राहत देने के लिये सरकार से वित्तीय पैकेज की घोषणा करने की मांग की। कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा, ‘सारे विधेयक पास करा लें लेकिन कोरोना वायरस के चलते वित्तीय पैकेज का ऐलान करें । ’उन्होंने कहा कि पूरा देश इसका इंतजार कर रहा है । कोरोना के कारण पूरा देश त्राहि त्रााहि कर रहा है और ऐसी अभूतपूर्व स्थिति में देश के लोग अपेक्षा कर रहे हैं कि उन्हें वित्तीय सहयोग मिले ।
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