नई दिल्ली : कोरोना वायरस ने जीवन जीने का स्टाइल बदल दिया है। लोग जरूरत से ज्यादा घरों से बाहर निकलना पसंद नहीं कर रहे हैं। कंपनी और संस्थान भी जहां तक संभव हो सके अपने कर्मचारियों से वर्क फ्रॉम होम करवा रही है। ऐसे में विभिन्न तरह की सेवा मुहैया कराने वाली कंपनी भी अपने समानों को होम डिलिवरी अधिक ध्यान देने लगी। इसी तरह सरकार ने भी फैसला लिया कि LPG सिलेंडरों और डीजल की तरह अब पेट्रोल और CNG की होम डिलिवरी शुरू कराई जाएगी।
देश की सबसे बड़ी खुदरा ईंधन कंपनी इंडियन ऑयल कॉर्प (आईओसी) ने सितंबर 2018 में एक मोबाइल डिस्पेंसर के माध्यम से डीजल की होम डिलिवरी शुरू की। हालांकि यह सेवा अभी केवल कुछ खास शहरों में ही उपलब्ध है। पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि सरकार ने पहले ही डीजल के लिए मोबाइल डिस्पेंसर की शुरुआत कर दी है। एक आधिकारिक बयान में प्रधन के हवाले से कहा गया कि यह पेट्रोल और LNG के लिए भी शुरू किया जा सकता है।
मंत्री ने कहा कि भविष्य में लोग ईंधनों की होम डिलिवरी पाने में सक्षम होंगे। सरकार ऊर्जा की दक्षता, सस्ती दर, सुरक्षा और उपलब्धता पर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि जल्द ही, ग्राहकों को केवल एक ही स्थान पर जाना होगा, जहां सभी प्रकार के ईंधन पेट्रोल, डीजल, CNG (कंप्रेस्ड नेचुरल गैस), LNG ((लिक्यूफाइड नेचुरल गैस)) और LPG ((लिक्यूफाइड पेट्रेलियम गैस)) उपलब्ध कराए जाएंगे। मंत्री ने कहा कि वाहनों और पाइपलाइन से रसोई में CNG की आपूर्ति करने वाला शहरी गैस नेटवर्क जल्द ही देश की 72% आबादी तक पहुंचने लगेगा।
ऐसा कहा जाता है कि ये ईंधन अत्यधिक ज्वलनशील प्रकृति के हैं, अत: इस कारण इनकी होम डिलिवरी काफी जोखिम भरा है। इसके लिए संबंधित ऑथरिटीज को सुरक्षित तरीके विकसित करने और उन्हें अप्रूव करने की जरूरत पड़ेगी।
पेट्रोलियम मंत्री ने कहा कि देश गैस आधारित अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि पीएनजी के उपभोक्ताओं की संख्या 2014 में 25.4 लाख थी, जो अब बढ़कर 60.68 लाख हो गई है। औद्योगिक गैस कनेक्शन 28 हजार से बढ़कर 41 हजार हो गए हैं। इसी तरह CNG वाहनों की संख्या 22 लाख से बढ़कर 34 लाख हो गई है।
प्रधान ने गुजरात, हरियाणा, झारखंड, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, नई दिल्ली, पंजाब, राजस्थान, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश में 56 नए CNG स्टेशनों का उद्घाटन किया। अभी शहरी गैस नेटवर्क में 2,200 से अधिक CNG आउटलेट शामिल हैं और पाइपलाइन के जरिए करीब 61 लाख लोगों तक रसोई में पीएनजी की आपूर्ति की जा रही है।
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