PM Kisan Samman Nidhi Yojana : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के 8.5 करोड़ से अधिक किसानों के खाते में पीएम-किसान सम्मान निधि की 6ठी किस्त के तौर पर 17,100 करोड़ रुपए रविवार को ट्रांसफर कर दिया है। पीएम-किसान के तहत खरीफ, रबी और जायद हर सीजन में प्रत्येक लाभार्थी किसान परिवार को 2000 रुपए आर्थिक मदद मिलती है। पीएम-किसान के तहत प्रत्येक लाभार्थी किसान परिवार को तीन समान किस्तों में पूरे साल में 6,000 रुपए मिलता है।
पीएम-किसान सम्मान निधि योजना की घोषणा 2019-20 के अंतरित बजट में तत्कालीन वित्तमंत्री पीयूष गोयल ने की थी, हालांकि योजना को एक दिसंबर 2018 से ही प्रभावी किया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 फरवरी 2019 को उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान पीएम-किसान के एक करोड़ से अधिक लाभार्थियों में से प्रत्येक को योजना की पहली किस्त के तौर पर 2000 रुपए उनके बैंक खाते में हस्तांतरित कर योजना का विधिवत शुभारंभ किया था।
सरकार ने छठी किस्त के पैसे जारी कर दिए है लेकिन किसी वजह यह पैसा लाभार्थी के बैंक खातों में नहीं पहुंचा हो तो इस योजना में रजिस्टर्ड किसान पीएम किसान सम्मान निधि योजना हेल्पलाइन नंबर- टोल फ्री नंबर पर संपर्क कर सकते है। पता कर सकते हैं आखिर सम्मान निधि उनके खाते में क्यों नहीं पहुंचा है। इस पीएम किसान हेल्पलाइन नंबर के जरिए से देश का कोई भी किसान सीधे फोन करके अपने पैसे के बारे में जानकारी कर सकता है। इस सुविधा का लाभ देश के सभी किसान उठा सकते है। अगर किसी किसान को कोई समस्या है तो सभी डिटेल इस हेल्पलाइन नंबर के जरिए प्राप्त कर सकता है। PM-Kisan Helpline No. 155261/1800115526 (Toll Free), 0120-6025109, Phone: 91-11-23382401, 011-24300606, इसके अलावा इमेल के जरिये भी संपर्क कर सकते है। Email: pmkisanict@gov.in
शुरू में पीएम किसान योजना के तहत सिर्फ दो हेक्टेयर कृषि योग्य जमीन वाले किसान परिवार ही लाभ के पात्र थे, लेकिन मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में कैबिनेट की पहली बैठक में ही दो हेक्टेयर जमीन की शर्त को हटाकर इसमें सभी किसानों को शामिल कर लिया गया। केंद्रीय कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान इस योजना के तहत 22 हजार करोड़ रुपए किसानों के खाते में ट्रांसफर किए गए।
पीएम-किसान सम्मान निधि का पूरा-पूरा पैसा किसानों को मिलता है और इसमें किसी प्रकार का लीकेज नहीं है। किसानों को इसमें रजिस्ट्रेशन के लिए जमीन की रसीद, बैंक खाते आदि कागजात की जो जरूरत होती है जिसके लिए कुछ खर्च करना पड़ सकता है लेकिन जब पैसा उनके खाते में आने लगता है तो फिर बिचौलिए के लिए कोई गुंजाइश नहीं बचती है।
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