नई दिल्ली : वित्त मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज (पीएमजीकेपी) के तहत करीब 42 करोड़ गरीबों को 53,248 करोड़ रुपए की वित्तीय सहायता उपलब्ध करायी गई है। सरकार ने कमजोर तबकों को कोविड-19 संकट से राहत देने के लिए 26 मार्च को 1.70 लाख करोड़ रुपए के राहत पैकेज की घोषणा की। पैकेज में गरीबों को मुफ्त अनाज, और महिलाओं, बुजुर्गों, किसानों तथा अन्य को नकद सहायता उपलब्ध कराना शामिल है। मंत्रालय ने कहा कि पैकेज के क्रियान्वयन पर केंद्र और राज्य सरकारें लगातार नजर रख रही हैं। बयान के अनुसार, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज के तहत करीब 42 करोड़ गरीब लोगों को 53,248 करोड़ रुपए की वित्तीय सहायता दी गई है।
इस मामले में मंगलवार तक हुई प्रगति की जानकारी देते हुए कहा गया है कि पीएम-किसान योजना के तहत पहली अग्रिम किस्त के रूप में 8.9 लाभार्थियों को 16,394 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया है। वहीं दो किस्तों में जनधन खाताधारकों को 20,344 करोड़ रुपए दिए गए हैं। इसके अलावा 2,814.5 करोड़ रुपए 2.81 करोड़ बुजुर्गों, विधवाओं और दिव्यांगों को वितरित किए गए। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज के तहत निर्माण क्षेत्र में लगे 2.3 करोड़ कामगारों को 4,312.82 करोड़ वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई गई है।
मंत्रालय के अनुसार अप्रैल के लिए अबतक 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने 101 लाख टन खाद्यान्न उठाए हैं। इन 36 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में अप्रैल महीने के लिए कुल 36.693 लाख टन अनाज का वितरण किया गया और 73.86 करोड़ लोगों को इसका लाभ हुआ। मई महीने में 35 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में 65.85 करोड़ लाभार्थियों के बीच 32.92 लाख टन अनाज वितरित किए गए। वहीं जून के लिए 17 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में 7.16 करोड़ लाभार्थियों के बीच 3.58 लाख टन अनाज वितरित किए गए हैं। मंत्रालय के अनुसार विभिन्न राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों को 5.06 लाख टन दाल भेजे गए हैं। इसमें से 1.91 लाख टन दाल का वितरण कुल 19.4 करोड़ लाभार्थी परिवारों में से 17.9 करोड़ परिवार को हुआ है।
इसके अलावा 9.25 करोड़ प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना एलपीजी सिलेंडर बुक कराए गए हैं और 8.58 करोड़ सिलेंडर लाभार्थियों को दिए गए है। मंत्रालय के अनुसार कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के 16.1 लाख सदस्यों ने ईपीएफओ खाते से ऑनलाइन निकासी का लाभ उठाया है। इसके तहत 4,725 करोड़ रुपए लाभार्थियों ने अपने खाते से निकाले। इसके अलावा 24 प्रतिशत ईपीएफ योगदान भी 59.23 लाख कर्मचारियों के ईपीएफ खाते में डाले गये हैं। इसके तहत कुल 895.09 करोड़ रुपये खाते में डाले गये हैं।
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