रेल मंत्रालय का नया फरमान, अधिकारियों के चाय खर्च पर लगाया लगाम

बिजनेस
कुंदन सिंह
कुंदन सिंह | Special Correspondent
Updated Oct 29, 2021 | 20:49 IST

रेल मंत्रालय ने अपने अधिकारियों के खर्च पर लगाम लगाते हुए चाय-नाश्ते पर खर्च की सीमा तय कर दी है। रेल मंत्रालय के नए आदेश जो कि 1 नवंबर 2021 से लागू होने जा रहा है।

Railway Ministry's new decree, curbs on Tea-snack expenses of officials
रेल मंत्रालय का नया फरमान 
मुख्य बातें
  • सेक्शन अधिकारी महीने में अधिकतम 500 रुपए का खर्च कर सकेंगे।
  • डायेक्टर रैंक के अधिकारियों के लिए यह सीमा 1500 रुपए की होगी।
  • रेलवे बोर्ड के एडिशनल मेंबर के लिए यह सीमा 5000 रुपए की रखी गई है। 

जब आय कम हो तो खर्चों पर नियंत्रण करने का देशी तरीका आजकल रेलवे को खूब भा रहा है। पहले सीनियर सिटीजन कैटेगरी में मिलने वाली छूट को खत्म किया तो अब रेल मंत्रालय ने अपने अधिकारियों के खर्च पर लगाम  लगाते हुए चाय-नाश्ते पर खर्च की सीमा तय कर दी गई है। पहले रेल मंत्रालय के अधिकारियों की मीटिंग में होने वाले चाय-नाश्ते पर होने पाले खर्च की ऐसी कोई सीमा नहीं थी। रेल मंत्रालय के नए आदेश जो कि 1 नवंबर 2021 से लागू होने जा रहा है। इस आदेश में सेक्शन ऑफिसर से लेकर एक्सक्यूटिव डायरेक्टर तक और उनके समकक्ष के अधिकारी तक कि मेजबानी का खर्चा तय कर दिया गया है। 

जहां एसओ यानी सेक्शन अधिकारी महीने में अधिकतम 500 रुपए का खर्च कर सकेंगे। वहीं अंडर सेक्रेटरी और डिप्यूटी डायरेक्टर रैंक के अधिकारियों के लिए यह सीमा 800 रुपए की होगी। डिप्टी सेक्रेटरी और डायरेक्टर रैंक के अधिकारी महीने में 1200 तक का खर्च कर सकेंगे। डायेक्टर रैंक के अधिकारियों के लिए यह सीमा 1500 रुपए की होगी। जॉइंट सेक्रेटरी और एक्जिक्यूटिव डायरेक्टर के लिए यह रकम 2500 रुपए की होगी। HAG रैंक के एक्जिक्यूटिव डायरेक्टर के लिए यह सीमा 3000 रुपए की कर दी गई है। प्रिंसिपल एक्जिक्यूटिव डायरेक्टर और एडवाइजर रैंक के अधिकारी महीने में अधितकम 4000 रुपए चाय-स्नैक्स पर खर्च कर सकेंगे। जबकि रेलवे बोर्ड के एडिशनल मेंबर के लिए यह सीमा 5000 रुपये की रखी गई है। 

नए आदेश में सीआरबी यानी चेयरमैन रेलवे बोर्ड और बोर्ड मेंबर के लिए खर्च की रकम तय नहीं की गई है। बाकी सभी छोटे से लेकर बड़े अधिकारी इस नए फरमान में शामिल है। भारतीय रेलवे का मुख्यालय रेल भवन मंत्रालयों के लिहाज से देश का सबसे बड़े मंत्रालय में शामिल है और यहां सैंकड़ों अधिकारियों तैनात है इस लिहाज से यह आदेश काफी मायने रखता है।

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