Reliance Industries: कर्जमुक्त कंपनी बनने के लक्ष्य की ओर अग्रसर है रिलायंस: रिपोर्ट

बिजनेस
भाषा
Updated May 31, 2020 | 14:19 IST

Reliance Industries: एक ब्रोकरेज कंपनी की रिपोर्ट में कहा गया है कि रिलायंस इंडस्ट्रीज कर्जमुक्त कंपनी बनने के लक्ष्य की ओर अग्रसर है।

Reliance Industries
फाइल फोटो 
मुख्य बातें
  • पिछले कुछ सप्ताह में रिलायंस ने अच्छा-खासा धन जुटाया
  • शून्य ऋण वाली कंपनी बनने का लक्ष्य पाना हुआ आसान
  • जियो का पूंजीगत खर्च काफी हद तक पूरा हो गया

नई दिल्ली: रिलायंस इंडस्ट्रीज कर्जमुक्त कंपनी बनने के अपने लक्ष्य की ओर अग्रसर है। पिछले कुछ सप्ताह के दौरान रिलायंस ने विभिन्न कंपनियों से अच्छा-खासा धन जुटाया है, जिससे उसके लिए शून्य ऋण वाली कंपनी बनने के लक्ष्य को पाना आसान हो गया है। एक ब्रोकरेज कंपनी की रिपोर्ट में कहा गया है कि यदि सऊदी अरामको के साथ रिलायंस के सौदे में देरी भी होती है, तो भी वह अपने पूरे शुद्ध कर्ज का भुगतान करने की स्थिति में होगी। अरबपति उद्योगपति मुकेश अंबानी के नियंत्रण वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज ने अपनी डिजिटल इकाई में अल्पांश हिस्सेदारी फेसबुक तथा निजी इक्विटी कंपनियों मसलन सिल्वर लेक, विस्टा इक्विटी, केकेआर और जनरल अटलांटिक को बेचकर कुल 78,562 करोड़ रुपए की राशि जुटाई है।

इसके अलावा कंपनी राइट्स इश्यू के जरिए भी 53,125 करोड़ रुपए जुटा रही है। कंपनी पर एडलवाइस पर एक शोध रिपोर्ट में कहा गया है, 'हालिया सौदों के बाद हमने रिलायंस इंडस्ट्रीज के बही-खाते का विश्लेषण किया है। कंपनी ने पिछले माह के दौरान इक्विटी के रूप में 1.3 लाख करोड़ रुपए जुटाए हैं। हमारा अनमान है कि यदि अरामको सौदे में देरी भी होती है, तो भी कंपनी 2020-21 में अपना समूचा 1.6 लाख करोड़ रुपए का शुद्ध ऋण चुका पाएगी।' रिपोर्ट में कहा गया है कि कंपनी का समायोजित शुद्ध कर्ज 2.57 लाख करोड़ रुपए कुछ ऊंचा है और इसे चुकाने में अधिक समय लगेगा। 

एडलवाइस ने कहा है कि कंपनी की दूरसंचार इकाई जियो का पूंजीगत खर्च काफी हद तक पूरा हो गया है। ऐसे में रिलायंस इंडस्ट्रीज तेल और गैस क्षेत्र से कम आय के बावजूद 2020-21 में 20,000 करोड़ रुपए का मुक्त नकदी प्रवाह (एफसीएफ) हासिल कर पाएगी। ब्रोकरेज कंपनी ने कहा, 'हमारा अनुमान है कि रिलायंस इंडस्ट्रीज जियो में 20 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचेगी। इसके अलावा राइट्स इश्यू से मिलने वाली राशि, ईंधन के खुदरा कारोबार में 49 प्रतिशत हिस्सेदारी बीपी को 7,000 करोड़ रुपए में बेचने आदि के बाद कंपनी के पास 1.3 लाख करोड़ रुपए की नकदी होगी। ऐसे में कंपनी 2020-21 में कर्जमुक्त होने के लक्ष्य को हासिल कर पाएगी।'

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