नई दिल्ली: कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप और लॉकडाउन के बीच भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को आम लोगों को बड़ी राहत दी है। केंद्रीय बैंक ने देश व्यापी बंदी के चलते कर्ज की किस्त चुकाने में दिक्कतों को देखते हुए बैंकों को सावधिक कर्ज की वसूली में तीन माह टालने की सहूलियत दी है। आरबीआई गवर्नर ने अपने बयान में कहा, 'सभी प्रकार के टर्म लोन पर छूट की घोषणा की जा रही है। सभी वाणिज्यिक, क्षेत्रीय ग्रामीण और एनबीएफसी और छोटे वित्त बैंकों को 31 मार्च 2020 से बकाया सभी टर्म लोन के संबंध में किश्तों के भुगतान पर 3 महीने की मोहलत की अनुमति दी जा रही है।' मालूम हो कि आम लोगों और कंपनियों को लॉकडाउन के बीच इनकम लॉस हो रहा है।
आरबीआई के निर्णय से फाएदा
आरबीआई की इस घोषणा का मतलब है कि अब लोन की ईएमआई चुकाने वाले लोगों के बैंक खातों से तीन महीने तक पैसे नहीं कटेंगे। समय अवधि समाप्त होने के बाद ही लोग ईएमआई भुगतान दोबार शुरू होगा। गौरतलब है कि फाइनेंस मिनिस्ट्री ने हाल ही में आरबीआई को एक लेटर भेजा था जिसमें यह सुझाव दिया गया कि ईएमआई, इंटरेस्ट के पेमेंट और लोन रीपेमेंट पर कुछ महीनों की छूट दी जाए। मंत्रालय ने नॉन-परफॉर्मिंग ऐसेट्स के क्लासिफिकेशन में ढील देने का सुझाव भी दिया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को 21 दिनों के देशव्यापी लॉकडाउन का ऐलान किया था। इसके बाद कहा जाने लगा कि कई कंपनियां और लोग हो सकता है कि लॉकडाउन के कारण लोन की किस्तें न चुका पाएं। ऐसा होने पर बैंक उनके खिलाफ ऐक्शन ले सकते थे।
रेपो रेट में कटौती
आरबीआई रेपो रेट में .75 बेसिस प्वाइंट की कटौती की है। अब नई रेपो रेट 4.4 हो गई है। वहीं रिवर्स रेपो रेट में 90 प्वाइंट की कमी की गई है रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा कि कोरोना की वजह से देश के कई सेक्टर प्रभावित हो सकते हैं और इसका दर देश की जीडीपी पर भी पड़ सकता है। उन्होंने कहा कि यह दुनिया भर की अर्थव्यवस्था के लिए बहुत मुश्किल भरा समय है और इससे वैश्विक मंदी बढ़ने के आसार हैं।
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