मौजूदा कोविड-19 वैश्विक-महामारी ने यह साबित कर दिया है कि एक इमरजेंसी फंड रखना कितना जरूरी है। मैंने कई आर्टिकल्स में एक इमरजेंसी फंड रखने के महत्व पर बार-बार जोर दिया है। बैंक बाजार के 2020 सेविंग कोशेंट डेटा में भी यही बात सामने आई है कि मौजूदा आर्थिक चुनौतियों के कारण लोगों की सेविंग्स क्षमता कम होने के बावजूद वे अनिश्चितताओं का सामना करने के लिए इमरजेंसी फंड तैयार करने में लगे हैं। इस डेटा के अनुसार, 2019 के 32% की तुलना में इस साल 70% लोग खास तौर पर इमरजेंसी के लिए ही सेविंग्स कर रहे हैं। बुरे दिनों का सामना करने के लिए एक पर्याप्त इमरजेंसी फंड का होना बहुत जरूरी है और यह आपकी फाइनेंसियल प्लानिंग का एक अभिन्न हिस्सा होना चाहिए।
एक इमरजेंसी फंड अप्रत्याशित फाइनेंसियल घटनाओं के लिए तैयार किया जाने वाला फंड है। यह नौकरी छूटने जैसी किसी इमरजेंसी में आपका रेगुलर खर्च चलाने में मदद करता है। यह आपका रेगुलर इनकम बंद होने पर भी एक सम्मानित जीवन जीने में आपकी मदद करता है। एक इमरजेंसी फंड में कम-से-कम 6-12 महीने का रेगुलर खर्च चलाने लायक पैसे होने चाहिए। इमरजेंसी फंड को एक ऐसे फाइनेंसियल इंस्ट्रूमेंट में इन्वेस्ट करना चाहिए जहां से उसे आसानी से निकाला जा सके।
एक फाइनेंसियल पोर्टफोलियो में एक पर्याप्त इमरजेंसी फंड को इसलिए शामिल किया जाता है कि कभी-भी, कोई-भी अनहोनी हो सकती है जिससे निपटने के लिए आपको हमेशा तैयार रहना चाहिए। इस फंड का इस्तेमाल यूं ही अपना रेगुलर खर्च चलाने के लिए नहीं करना चाहिए। इसका इस्तेमाल, किसी फाइनेंसियल इमरजेंसी में करना चाहिए जब आपका इनकम उसे निपटने में सक्षम न हो। किस परिस्थिति में इमरजेंसी फंड का इस्तेमाल करना चाहिए, यह जानने के लिए आपको खुद से निम्नलिखित सवाल पूछने चाहिए।
अचानक नौकरी छूटने पर या मेडिकल इमरजेंसी में, बहुत कम समय में पैसों का इंतजाम करना पड़ता है और उस समय अपने इन्वेस्टमेंट को तोड़ने या किसी से उधार लेने के सिवा कोई रास्ता नहीं बचता है। उस समय यह समझना बहुत मुश्किल हो जाता है कि इनमें से कौन-सा ऑप्शन, ज्यादा फायदेमंद और कब तनावपूर्ण है। एक इमरजेंसी फंड ऐसी परिस्थिति में ही काम आता है। पता लगाएं कि इमरजेंसी फंड का इस्तेमाल करना क्यों जरूरी है। नौकरी छूटने के कारण इनकम बंद होने की वजह से या किसी प्रियजन की दुर्भाग्यवश मौत के कारण कोई इमरजेंसी पैदा होने पर या कोई इलाज की जरूरत पैदा होने पर। रेगुलर खर्च या अन्य मनमौजी खर्च आपकी अप्रत्याशित जरूरत के दायरे में नहीं आता है, इसलिए बहुत मन करने पर भी इस फंड का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
इच्छाओं और जरूरतों में बहुत अंतर होता है। इच्छाओं को नियंत्रित किया जा सकता है लेकिन जरूरतों को अनदेखा नहीं किया जा सकता है। उदाहरण के लिए, आप एक नई कार लेना चाहते हैं जबकि आपके पास पहले से एक गाड़ी है जिससे आपकी जरूरत पूरी हो जाती है। मनचाही कार खरीदने के लिए इमरजेंसी फंड का इस्तेमाल करना एक इच्छा है जिसे आसानी से नजरअंदाज किया जा सकता है या जिसे एक अलग फंड तैयार करके पूरा किया जा सकता है। इमरजेंसी फंड का इस्तेमाल, अचानक हॉस्पिटलाइजेशन की नौबत आने पर या मेडिकल खर्च आपके हेल्थ इंश्योरेंस कवर से बाहर जाने पर किया जा सकता है।
एक इमरजेंसी फंड तैयार करने में बहुत परिश्रम और समय लगता है। इमरजेंसी आने पर, आपको अपने फाइनेंसियल पोर्टफोलियो पर गौर करना चाहिए। अपने प्रत्येक अकाउंट और अमाउंट पर गौर करें जिसे आप इमरजेंसी से निपटने के लिए इस्तेमाल कर सकते हों। इमरजेंसी फंड का इस्तेमाल करने से पहले, अपने अन्य सभी ऑप्शंस पर गौर कर लें। यदि नई नौकरी मिलने या फिर से इनकम शुरू होने तक उस पेमेंट या खर्च को टाला जा सकता है तो वैसा ही करें। लेकिन संकट में इमरजेंसी फंड का इस्तेमाल करने की जगह उधार लेने की गलती न करें।
अपने इमरजेंसी फंड का इस्तेमाल करने से पहले, उपरोक्त सवालों के आधार पर अपनी परिस्थिति का जायजा लेते हुए एक सही कदम उठाएं। इसके अलावा, इमरजेंसी फंड का इस्तेमाल करने के बाद जल्द-से-जल्द उसकी भरपाई करने की कोशिश करें। इमरजेंसी फंड तैयार करने के लिए उसे ऐसे इन्वेस्टमेंट इंस्ट्रूमेंट्स में इन्वेस्ट करें जहां आपके पैसे पढ़ सकें और जरूरत पड़ने पर आसानी से निकाला जा सके। इसे एक रेकरिंग डिपोजिट या फिक्स्ड डिपोजिट में इन्वेस्ट करना ठीक होगा। आपका इमरजेंसी फंड आपकी रेगुलर सेविंग्स से अलग होना चाहिए और बिना किसी समझौते के उसे रेगुलरली मेन्टेन करना चाहिए।
इस लेख के लेखक, BankBazaar.com के CEO आदिल शेट्टी हैं)
(डिस्क्लेमर: यह जानकारी एक्सपर्ट की रिपोर्ट के आधार पर दी जा रही है। बाजार जोखिमों के अधीन होते हैं, इसलिए निवेश के पहले अपने स्तर पर सलाह लें।) ( ये लेख सिर्फ जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। इसको निवेश से जुड़ी, वित्तीय या दूसरी सलाह न माना जाए)
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