Omicron Covid Variant: कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ओमिक्रोन के लक्षणों को विशेषज्ञों ने पुराने वैरिएंट डेल्टा से काफी हद तक अलग बताया है। विशेषज्ञों के मुताबिक, कोरोना वायरस के डेल्टा वैरिएंट से पीड़ित मरीजों में जहां ऑक्सीजन की भारी कमी जैसे लक्षण दिखाई दिए थे, वहीं ओमिक्रोन से पीड़ित मरीजों में लक्षण उससे अलग हैं। ऐसे में सवाल है, इससे बचाव के आखिर उपाय क्या हैं? क्या वही उपाय कारगर होंगे, जो डेल्टा वैरिएंट के खिलाफ लड़ाई में आजमाए जा चुके हैं? इस बारे में WHO क्या कहता है?
WHO के मुताबिक कोरोना वायरस के डेल्टा वैरिएंट से निपटने के लिए जो भी उपाय किए गए थे, वे ओमिक्रोन से लड़ने में भी कारगर होंगे। इसलिए उन्हें जारी रखना चाहिए। वैश्विक स्वास्थ्य संस्था के मुताबिक, हर देश और हर समुदाय को कोविड के मामलों में नई बढ़ोतरी के लिए तैयार रहना चाहिए। पश्चिमी प्रशांत के लिए WHO के क्षेत्रीय निदेशक डॉ ताकेशी कसई ने शुक्रवार को फिलीपीन से ऑनलाइन संवाददाता सम्मेलन में कहा, ओमीक्रोन को लेकर फिलहाल ऐसी कोई सूचना नहीं है, जो बीमारी से लड़ने में हमें अपने पुराने उपायों को बदलने का संकेत देती हो। इसलिए डेल्टा वैरिएंट से लड़ने के लिए अपनाए गए उपायों को जारी रखने की जरूरत है।
WHO के क्षेत्रीय आपात स्थिति निदेशक डॉ बी. ओलोवोकुरे के मुताबिक, कोविड के ओमिक्रोन वैरिएंट से मुकाबले के लिए भी वैक्सीनेशन बढ़ाने, सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का अनुपालन, सार्वजनिक स्थानों पर मास्क पहनना, नियमित अंतराल पर हाथों को साबुन से अच्छी तरह साफ करना, सैनिटाइजेशन सहित अन्य उपायों को जारी रखने की जरूरत है। साथ ही स्वास्थ्य प्रणाली को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि मरीज का उपयुक्त स्थान पर सही समय पर इलाज हो और जिन मरीजों को जरूरत हो, उनके लिए ICU बेड उपलब्ध हो सके।
WHO के अधिकारियों का यह बयान ऐसे समय में आया है, जबकि कोरोना वायरस का ओमिक्रोन वैरिएंट भारत सहित दुनिया के करीब 36 देशों में फैल चुका है, जिसे देखते हुए कई देशों ने यात्रा पाबंदियों का भी ऐलान किया है। बहुत अधिक म्यूटेशन की वजह से WHO ने इसे 'चिंताजनक' बताया है। शुरुआती जांच से पता चलता है कि वायरस के अन्य वैरिएंट्स की तुलना में यह अधिक संक्रामक हो सकता है।
विशेषज्ञों ने इसके लक्षणों को डेल्टा वैरिएंट से अलग बताया है। उनके मुताबिक, डेल्टा वैरिएंट के केस में जहां मरीजों में बुखार, सांस लेने दिक्कत, ऑक्सीजन के स्तर में कमी, गंध या स्वाद नहीं आना जैसी शिकायतें देखी गई थीं, वहीं ओमिक्रोन के मामलों में मरीजों में बेचैनी, उल्टी, नाड़ी की गति बढ़ जाना, थकान, बदन दर्द, सिरदर्द जैसी शिकायतें देखने को मिल रही हैं। मरीजों ने स्वाद और गंध बने रहने की बात भी बताई है।
डॉक्टर्स के मुताबिक, इसमें अब तक लक्षण मामूली पाए गए हैं, जिसमें मरीजों को अस्पताल में भर्ती किए जाने की आवश्यकता नहीं मालूम पड़ती। वे घर में भी ठीक हो सकते हैं। हालांकि विशेषज्ञों ने स्वास्थ्य व्यवस्था को दुरुस्त रखने के लिए कहा है, ताकि आवश्यकता पड़ने पर मरीजों को यहां-वहां भटकना न पड़े।