काली खांसी यानी कूकर खांसी वैसे तो बच्चों की बमारी है, लेकिन यह बड़ों को भी हो जाती है। यह एक संक्रामक और खतरनाक बीमारी है। बता दें कि इस बीमारी के वायरस हवा के जरिए एक से दूसरे इंसान तक पहुंचते हैं। लक्षण की बात करें तो नाक का बहना, बुखार, और मामूली खांसी के साथ आम सर्दी के समान ही होती हैं। फिर एक सप्ताह के बाद गंभीर खांसी होने लगती है। वहीं रात और दिन में यह खांसी बढ़ जाती है। काली खांसी में लगातार खांसते-खांसते व्यक्ति का दम फूलने लगता है।
काली खांसी जीवाणु बोर्डेटेला पर्ट्रुसिसि के कारण होता है। यह बीमारी संक्रमित व्यक्ति के छींकने से भी फैलता है। काली खांसी बच्चों के लिए काफी खतरनाक हैं, एक साल के बच्चे या फिर उस कम उम्र के बच्चे में होने पर अस्पताल में भर्ती कराने की जरूरत पड़ जाती है। वहीं इस बीमारी से छुटकारा पाने के लिए इन घरेलू नुस्खों को अपना सकते हैं।