पटना : बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए यहां राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं। कई पार्टियों के नेता अपनी पार्टी को छोड़ दूसरी पार्टियों का दामन थाम रहे हैं। इसी क्रम में अब राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के तीन विधायकों ने पार्टी से अलग होते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुवाई वाली जनता दल (युनाइटेड) का दामन थाम लिया है। इनमें बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री व आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद के समधी चंद्रिका राय भी शामिल हैं।
चंद्रिका राय की बेटी ऐश्वर्या राय की शादी लालू के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव से हुई थी, लेकिन कुछ ही महीनों बाद रिश्तों में खटास ऐसी बनी कि मामला कोर्ट तक पहुंच गया और तलाक के लिए अर्जी दी गई। बाद में ऐश्वर्या राय ने ससुराल वालों पर प्रताड़ना के आरोप भी लगाए थे। रिश्तों में बढ़ती कड़वाहट के बीच पहले से कयास लगाए जा रहे थे कि चंद्रिका राय आरजेडी से अपना नाता तोड़ सकते हैं, जिस पर अब उन्होंने मुहर लगा दी है। चंद्रिका राय के साथ-साथ आरजेडी के दो अन्य विधायकों जयवर्धन यादव और फराज फातमी ने भी जेडीयू का दामन थाम लिया।
चंद्रिका राय जहां सारण जिले के परसा विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं, वहीं जयवर्धन यादव पालीगंज विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं, जबकि फराज फातमी दरभंगा जिला के क्वेटी विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं। ये तीनों गुरुवार को पटना स्थित जेडीयू के प्रदेश कार्यालय में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं और मंत्रियों की उपस्थिति में पार्टी में शामिल हुए। इसे आरजेडी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। इससे पहले गुरुवार को ही हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (HAM) के अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने भी चुनाव से ऐन पहले महागठबंधन से अलग होने का फैसला लिया था, जिसके बाद महागठबंधन के कमजोर पड़ने की अटकलें लगाई जा रही हैं।
जेडीयू में शामिल हुए चंद्रिका ने बेटी ऐश्वर्या राय के आगामी बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने के संकेत भी दिए। उनके बयानों से यह भी संकेत मिलता है कि ऐश्वर्या राय लालू प्रसाद के बेटों तेजप्रताप या तेजस्वी के खिलाफ चुनाव मैदान में उतर सकती हैं। यह पूछे जाने पर कि क्या ऐश्वर्या राय विधानसभा चुनाव लड़ेंगी? चंद्रिका राय ने कहा, 'ऐसा हो भी सकता है, पर फिलहाल ऐसी कोई योजना नहीं है। लेकिन जहां तक चुनाव लड़ने का सवाल है, नियम के मुताबिक, 25 साल से अधिक की उम्र का कोई भी शख्स, जो मानसिक रूप से स्वस्थ है और दिवालिया नहीं है, चुनाव लड़ सकता है।'
उन्होंने दावा किया कि तेज प्रताप और तेजस्वी विधानसभा चुनाव में किसी सुरक्षित सीट की तलाश में हैं। उन्होंने तंज भरे लहजे में कहा, 'यह हैरान करने वाली बात है कि दोनों भाई किन्हीं सुरक्षित सीटों की तलाश में हैं, जबकि वे लालू प्रसाद के बेटे हैं और विपक्ष के नेता हैं और सत्ता में वापसी को लेकर बड़े-बड़े दावे भी करते हैं। लेकिन मैं साफ कर दूं कि राज्य में उनके लिए कोई भी सुरक्षित नहीं है।'
यहां उल्लेखनीय है कि बिहार में मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल नवंबर में समाप्त हो रहा है। फिलहाल चुनाव के लिए तिथि जारी नहीं की गई है, लेकिन सियासी पारा उफान पर है। हालांकि कोरोना वायरस संक्रमण और बिहार के कई जिलों के बाढ़ की चपेट में होने के कारण फिलहाल यहां चुनाव टालने की मांग भी उठ रही है, लेकिन चुनाव आयोग ने इसे लेकर कुछ भी स्पष्ट नहीं किया है।
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