वाराणसी: उत्तर प्रदेश में प्राइमरी स्कूल के 69 हजार शिक्षकों का भर्ती मामला विवादों के घेरे में है। अदालत के आदेश के बाज नियुक्ति प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। नियुक्ति प्रक्रिया से पहले लिखित परीक्षा कराई गई थी। लेकिन आरोप लग रहे थे कि बड़े पैमाने पर एग्जाम में फर्जीवाड़ा किया गया। इसकी जांच का जिम्मा एसटीएफ को दिया गया और वो वाराणासी, भदोही के कुछ संदिग्धों पर नजर रखे हुई है। इससे पहले प्रयागराज पुलिस ने दो अभ्यर्थियों समेत पांच लोगों की गिरफ्तारी की है।
वाराणसी और भदोही में एसटीएफ का डेरा
बताया जा रहा है कि इन आरोपियों से पूछताछ के बाद वाराणसी और भदोही में एसटीएफ ने डेरा डाला है। बताया जा रहा है कि कुछ अधिकारियों से भी इस सिलसिले में पूछताछ की जा सकती है। दरअसल 6 जनवरी 2019 को जो परीक्षा संपन्न हुई थी उसमें यूपी के अलग अलग जिलों से फर्जी अभ्यर्थी पकड़े गए थे। शिक्षक भर्ती परीक्षा मामला बाद में अदालत के चौखट तक पहुंचा।
कई बंदिशों के बाद एक बार फिर नियुक्ति हुई शुरू
लंबी लड़ाई के बाद शिक्षक भर्ती का रास्ता साफ हुआ। लेकिन कुछ छात्रों ने सवालों का हवाला देते हुए नियुक्ति प्रक्रिया को रोकने की अपील की। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने रोक लगा दिया जिसके खिलाफ यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की। सुप्रीम अदालत की तरफ से राहत मिली और नियुक्ति का रास्ता साफ हुआ हालांकि सभी शिक्षकों के सभी प्रमाण पत्रों की जांच के आदेश भी दिए।
विपक्ष के सियासी सुर
यूपी में शिक्षक भर्ती मामले में अब सियासत भी शुरू हो चुकी है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि इस सरकार की सभी भर्ती प्रक्रिया या तो अदालतों के चक्कर लगा रही हैं या उसमें धांधली है, एक तरफ होनहार बच्चों का भविष्य खतरे में है तो दूसरी तरफ समाज के कमजोर तबके की आवाज को दबाया जा रहा है। वो कहते हैं कि योगी सरकार को जनसरोकार के मुद्दे से लेना देना नहीं है और उसका असर दिखाई भी दे रहा है।
Varanasi News in Hindi (वाराणसी समाचार), Times now के हिंदी न्यूज़ वेबसाइट -Times Now Navbharat पर। साथ ही और भी Hindi News (हिंदी समाचार) के अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें।