वाराणसी: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में आज वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर में मां अन्नपूर्णा की मूर्ति की पुनर्स्थापना की गई। इस दौरान पूरे विधि-विधान के साथ पूजा हुई और फिर मां अन्नपूर्णा देवी की प्राण प्रतिष्ठा की गई। 100 साल से ज्यादा समय पहले इस मूर्ति को चुरा लिया गया था। एएसआई को 15 अक्टूबर 2017 को देवी अन्नपूर्णा की मूर्ति मिली है। चोरी कर ली गई यह मूर्ति 17 गुणा नौ गुणा चार सेंटिमीटर की है। इसे एक सदी से ज्यादा समय पहले उत्तर प्रदेश में काशी से चुराया गया था और तस्करी करके कनाडा ले जाया गया था।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 29 नवंबर, 2020 को अपने रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' में इस मूर्ति को कनाडा से वापस लाने की घोषणा की थी। 18वीं सदी की यह मूर्ति यूनिवर्सिटी ऑफ़ रेजिना के मैकेंज़ी आर्ट गैलरी के संग्रह में थी, जब इसे विश्वविद्यालय ने पिछले साल कनाडा में भारत के उच्चायुक्त को सौंप दिया था।
अन्नपूर्णा देवी की मूर्ति को 11 नवंबर को दिल्ली से अलीगढ़ ले जाया गया, वहां से 12 नवंबर को कन्नौज ले जाया गया और 14 नवंबर को अयोध्या पहुंची अंत में, यह 15 नवंबर को वाराणसी पहुंची जहां उचित अनुष्ठान के बाद इसे उत्तर प्रदेश के काशी विश्वनाथ मंदिर, वाराणसी में स्थापित किया किया।
कुछ दिन पहले ही केंद्रीय संस्कृति, पर्यटन मंत्री जी. किशन रेड्डी ने कहा, 'अन्नपूर्णा देवी के आशीर्वाद ने हमारे भारतीय किसानों के लिए अतिरिक्त खाद्यान्न का उत्पादन करना संभव बना दिया है और कोविड-19 महामारी के दौरान प्रधानमंत्री की गरीब अन्न कल्याण योजना का मार्गप्रशस्त किया है।'
उन्होंने कहा कि मुफ्त राशन गरीबों के लिए संकट को कम करेगा, क्योंकि सरकार ने प्रति व्यक्ति प्रति माह अतिरिक्त मात्रा में खाद्यान्न मुफ्त दिया है।
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