PoK:पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर स्थित शारदा पीठ मंदिर में एक मुस्लिम शख्स ने चढ़ाए फूल 

दुनिया
रवि वैश्य
Updated Aug 30, 2020 | 22:03 IST

Muslim Offered Flowers in Sharda Peeth at PoK: 26 अगस्त को शारदा अष्टमी की पूर्व संध्या पर पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के स्थानीय निवासी रईस अहमद ने प्राचीन मंदिर में फूल चढ़ाए।

A Muslim person offered flowers in Sharda Peeth Temple in Pakistan occupied Kashmir
शारदापीठ देवी सरस्वती का प्राचीन मन्दिर है जो पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में शारदा के निकट किशनगंगा नदी (नीलम नदी) के किनारे स्थित है, फोटो साभार-विकीपीडिया  |  तस्वीर साभार: Twitter

जम्मू: पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में स्थित शारदा पीठ मंदिर ( Sharda Peeth Temple) में एक मुस्लिम व्यक्ति ने कश्मीरी प्रवासियों के एक संगठन की ओर से फूल चढ़ाए। 'ऑल पार्टीज माइग्रैंट्स कोऑर्डिनेशन कमेटी' (APMCC) नामक संगठन ने यह जानकारी दी। शारदा पीठ नियंत्रण रेखा के पास नीलम नदी के किनारे शारदा गांव में स्थित मंदिर है जहां अब कोई आता-जाता नहीं है। शारदा मां का यह मंदिर कभी ज्ञान का बड़ा केंद्र होता था और इसे दक्षिण एशिया में सर्वाधिक श्रद्धा वाले 18 मंदिरों में से एक माना जाता है।

एपीएमसीसी ने कहा कि संगठन के अध्यक्ष विनोद पंडित के प्रयासों के बाद 26 अगस्त को शारदा अष्टमी की पूर्व संध्या पर पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के स्थानीय निवासी रईस अहमद ने प्राचीन मंदिर में फूल चढ़ाए।

संगठन के एक प्रवक्ता ने दावा किया कि 1947 के बाद यह पहली बार है जब अत्यधिक मान्यता वाले इस मंदिर में फूल चढ़ाए गए हैं। एपीएमसीसी को घाटी में बंद पड़े विभिन्न मंदिरों को खुलवाने और गंगाबल तथा कौसर नाग की वार्षिक तीर्थयात्रा शुरू कराने का श्रेय जाता है।

भारत से हिन्दू तीर्थयात्री शारदा पीठ जा सकेंगे

पाकिस्तान सरकार ने पिछले साल एक कॉरिडोर स्थापित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी जिससे भारत से हिन्दू तीर्थयात्री शारदा पीठ जा सकेंगे। शारदापीठ देवी सरस्वती का प्राचीन मन्दिर है जो पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में शारदा के निकट किशनगंगा नदी (नीलम नदी) के किनारे स्थित है। इसके भग्नावशेष भारत-पाक नियन्त्रण-रेखा के निकट स्थित है।

सरस्वती देवी को समर्पित शारदापीठ का मंदिर Pok के शारदा गांव में स्थित 

शारदा, जिसे स्थानीय भाषा में शारदी भी कहते हैं, पाक-अधिकृत कश्मीर के नीलम ज़िले में स्थित एक बस्ती है। यह नीलम ज़िले की दो तहसीलों में से एक है और किशनगंगा घाटी (जिसका नाम पाकिस्तान ने बदलकर नीलम घाटी रख दिया है) की सबसे सुंदर जगह माना जाता है। यह किशनगंगा नदी के किनारे 1961 मीटर की ऊँचाई पर बसा हुआ है और पाक-अधिकृत कश्मीर की राजधानी मुजफ्फराबाद से 138 km किलोमीटर पूर्वोत्तर में स्थित है।

सरस्वती देवी को समर्पित शारदापीठ का ऐतिहासिक मंदिर इसी बस्ती में स्थित है जो की शताब्दियों से हिन्दु-बौद्ध विद्या का केन्द्र रहा है। कश्मीरी भाषा जिस शारदा लिपि में लिखी जाती थी उसका आविष्कार इसी स्थान पर ९वीं सदी ईसवी में हुआ। शारदा क़िला और किशनघाटी के स्थल भी इसी शहर में हैं। शारदा और नरदी नामक दो पर्वत इस नगर के साथ खड़े हैं।
 

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