लद्दाख में जारी तनाव के बीच चीन बोला- भारत के साथ शांति बहाली पहली राजनयिक प्राथमिकता

China on Ladakh border tension: लद्दाख में जारी तनाव के बीच चीन ने कहा है कि भारत के साथ शांति बहाली उसकी पहली राजनयिक प्राथमिकता है और दोनों देशों को बेहतरी की दिशा में कदम उठाना चाहिए।

Maintaining peace with India a diplomatic priority, says China amid Ladakh border tension
चीन ने फिर की शांति की बात।  |  तस्वीर साभार: AP
मुख्य बातें
  • गत मई महीने से लद्दाख एवं एलएसी पर चीन के साथ जारी है गतिरोध
  • गत 15 जून को गलवान घाटी में भारत-चीन के सैनिकों के बीच हुई झड़प
  • गलवान घाटी की घटना के बाद दोनों देशों के संबंधों में आई है तल्खी

नई दिल्ली : लद्दाख सहित वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर अपने अतिक्रमण से तनाव बढ़ाने वाला चीन सीमा पर भारत के साथ शांति चाहता है लेकिन वह खुद उन कदमों को वापस लेने में हीला हवाली कर रहा है जिस पर नई दिल्ली को आपत्ति है। भारत के कड़े रुख के बाद चीनी सैनिक गलवान घाटी से पीछे तो हटे हैं लेकिन पैंगोंग झील क्षेत्र में अभी भी पीएलए की मौजूदगी की बात सामने आई है। भारत पैंगोंग झील सहित फिंगर फोर इलाके से चीनी सैनिकों की वापसी की मांग कर रहा है लेकिन चीन ने पीछे हटने का संकेत नहीं दिया है। अब चीन के विदेश मंत्रालय ने भारत के साथ शांति बहाली को अपनी प्राथमिकता बताया है।

'आपसी संबंधों को बेहतर करने की जरूरत'
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक कोविड-19 से जुड़े एक सवाल के जवाब में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने कहा, 'जहां तक चीन और भारत के संबंधों की बात है। दोनों पक्षों को संयुक्त रूप से सीमा पर शांति एवं सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए और आपसी संबंधों की बेहतरी की दिशा में कदम उठाना चाहिए। हम अपने रणनीतिक आपसी विश्वास को मजबूत बनाए रखना और अपने पड़ोसी एवं विकासशील देशों के साथ पारस्परिक हितों को विस्तार देना जारी रखेंगे।' झाओ सरकारी समाचार एजेंसी सिन्हुआ के एक सवाल का जवाब देते हुए ये बातें कहीं।

सीमा विवाद पर सीधे तौर पर टिप्पणी नहीं की
हालांकि झाओ ने सीमा पर भारत और चीन के बीच चल रहे तनाव के बारे में सीधे तौर पर कोई टिप्पणी नहीं की। लद्दाख सहित एलएसी पर तनाव कम करने के लिए भारत और चीन के बीच सैन्य कमांडर स्तर के बीच पांचवें चरण की बातचीत पूरी हो चुकी है लेकिन अभी मौजूदा तनाव का स्थायी समाधान नहीं निकल पाया है।  गत 30 जुलाई को भारत ने चीन के उस दावे को खारिज कर दिया जिसमें कहा गया है कि तनाव वाले क्षेत्रों में कई जगहों पर सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। भारत ने चीन से कहा कि वह इन इलाकों से अपने सैनिकों को पूरी तरह से हटाए और एलएसी पर पूर्ण रूप से शांति बहाल करे। 

चीन के दावे को भारत कर चुका है खारिज
भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने चीन के दावे को कुछ हद तक स्वीकार किया लेकिन यह भी एलएसी पर सैनिकों की पीछे हटाने की प्रक्रिया पूरी तरह से संपन्न नहीं हुई है। उन्होंने कहा, 'इस दिशा में कुछ प्रगति हुई है लेकिन सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया पूरी तरह से संपन्न नहीं हुई है।' गत 15 जून को गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई खूनी हिंसा में भारत के 20 जवान शहीद हो गए। इसके बाद दोनों देशों के बीच लद्दाख सहित एलएसी पर तनाव एवं गतिरोध पैदा हो गया। दोनों देशों ने सीमा पर अपने सैनिकों की संख्या बढ़ा दी है। हालांकि इस तनाव को दूर करने  के लिए बातचीत भी चल रही है।   

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