काबुल : तालिबान ने भले ही अफगानिस्तान की राजधानी काबुल सहित कई प्रांतों को अपने कब्जे में ले लिया है, लेकिन उसे कई मुल्क के पूर्वोत्तर प्रांत पंजशीर में कड़े प्रतिरोध का सामना करना पड़ रहा है। यहां नॉदर्न एलायंस के बल तालिबान लड़ाकों को कड़ी चुनौती दे रहे हैं। अफगानिस्तान के स्वघोषित कार्यकारी राष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह भी पंजशीर में ही हैं। अब जो रिपोर्ट सामने आई है, उसके मुताबिक पंजीशीर के कई जिलों में 700 से अधिक तालिबान लड़ाके मारे जा चुके हैं, जबकि 1000 से अधिक लड़ाकों को बंधक बना लिया गया है या उन्होंने सरेंडर कर दिया है।
रूसी समाचार एजेंसी स्पूतनिक की रिपोर्ट में रेसिस्टेंस फोर्स के प्रवक्ता के हवाले से कहा गया है कि तालिबान को अन्य अफगान प्रांतों से सप्लाई हासिल करने में भी दिक्कतें आ रही हैं। रेसिस्टेंस फोर्स का दावा है कि तालिबान के साथ लड़ाई में उन्होंने बढ़त बनाई हुई है। सबकुछ उनकी योजना के मुताबिक ही हो रहा है और यह प्रांत पूरी तरह उनके कब्जे में है।
वहीं, पंजशीर के लैंड माइन वाला इलाका होने की वजह से तालिबान को मुश्किलें पेश आ रही हैं, जिसकी वजह से पंजशीर रेसिस्टेंस फोर्स के खिलाफ उसका अभियान धीमा हुआ है। 'अलजजीरा' की रिपोर्ट में तालिबान सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि पंजशीर में लड़ाई जा रही है। तालिबान के लड़ाके प्रांतीय राजधानी बजारक की तरफ बढ़ रहे थे, लेकिन सड़कों पर लैंडमाइन होने की वजह से आगे बढ़ने की रफ्तार धीमी हो गई है।
यहां उल्लेखनीय है कि पंजशीर नेशनल रेसिस्टेंस फोर्स का मजबूत गढ़ रहा है, जो तालिबान को सीधी टक्कर दे रहा है। इसकी अगुवाई यहां अहमद मसूद कर रहे हैं। अफगानिस्तान के पूर्व उपराष्ट्रपति और काबुल की सत्ता में तालिबान के काबिज होने के बाद राष्ट्रपति अशरफ गनी के देश छोड़कर जाने के बाद खुद को मुल्क का कार्यकारी राष्ट्रपति घोषित करने वाले अमरुल्लाह सालेह भी यहां बने हुए हैं, जो तालिबान को पाकिस्तान से मदद मिलने का आरोप लगा चुके हैं।