नई दिल्ली: चीन से फैले कोरोना ने दुनिया के सबसे ताकतवर देश कहे जाने वाले अमेरिका की कई मायनों में कमर तोड़ दी है। यहां मरने वालों का आंकड़ा 41 हजार को पार कर गया है और यहां के मेडिकल सिस्टम पर लगातार वायरस का बोझ बढ़ता ही जा रहा है। दुनिया में कई देशों पर तबाही बरपा कर अपनी ताकत का लोहा मनवाने वाला सुपरपावर देश वायरस के आगे बेबस दिख रहा है। महामारी से हुए बड़े नुकसान के अमेरिका से सामने आ रही तस्वीरें भी बहुत कुछ बयां करती हैं।
(सभी तस्वीरें- साभार AP)
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का कहना है कि कोरोना वायरस के बारे में पता लगाने के लिए अमेरिका विशेषज्ञों की एक टीम चीन भेजना चाहता है। इससे एक दिन पहले ही अमेरिकी राष्ट्रपति चीन से कह चुके हैं कि अगर वह जानबूझकर इस वायरस को दुनिया भर में फैलाने के लिए जिम्मेदार पाया गया तो उसे इसके ‘परिणाम’ भुगतने होंगे।
अमेरिका का न्यूयॉर्क शहर इस वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित है, कुल मरने वालों में आधा आंकड़ा न्यूयॉर्क शहर का है और यहां अब तक 17,600 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं और संक्रमण के 2,42,000 मामले अब तक सामने आए हैं।
यहां समुद्र किनारे बीच से लेकर सड़कों तक हर जगह पर महज सन्नाटा नजर आ रहा है। पूरी दुनिया की तरह लोग घरों के अंदर बंद हैं। इस बीच कोरोना वायरस का सबसे ज्यादा खौफ अमेरिका के लोगों के बीच ही देखने को मिल रहा है। जाहिर है लोग आंकड़ों को लेकर डरे हुए हैं।
पशु बाजारों (वेट मार्केट) के माध्यम से जानवरों से बीमारी इंसानों तक पहुंचने का बहुत बड़ा जोखिम होता है, वैश्विक महामारी कोविड-19 के फैलने से इस तरह के बाजारों का सीधा संबंध माना जा रहा है। इस बीच ट्रंप को लिखे पत्र में कांग्रेस सदस्य एल्सी हेस्टिंग्स और वर्न बुचनान ने जीवित पशुओं के बाजारों पर चीन का कड़ा नियंत्रण नहीं होने पर गहरी चिंता जताई है।
(सभी तस्वीरें- साभार AP)
दो रिपब्लिकन सांसदों ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से अनुरोध किया है कि वह अपने चीन के समकक्ष शी चिनफिंग से चीन में पशु बाजारों (वेट मार्केट) को तुरंत बंद करने के बारे में बात करें।
वेट मार्केट कहे जाने वाले बाजारों में विभिन्न प्रकार के ताजा गोश्त के साथ स्तनपायी, सृप, मछलियां इत्यादि जिंदा बेची जाती हैं। इन बाजारों से पशुओं की बीमारियां (जूनोटिक डिसीज) इंसानी आबादी तक पहुंचने का जोखिम होता है। इस बीच सवाल यही है कि कोरोना से पैदा हुई ये तबाही कहां जाकर रुकेगी और रोजाना बदतर होती तस्वीर और कितनी बिगडे़गी।