कोरोना महामारी का प्रभाव लगभग हर क्षेत्र पर पड़ा है। फिर चाहे आम जनजीवन हो या खेल जगत। क्रिकेट भी इससे अछूता नहीं रहा। कोरोना के बाद से क्रिकेट बायो-सिक्योर बबल में खेला जा रहा है ताकि खिलाड़ी संक्रमित होने से बच सकें। हालांकि, बायो बबल में खिलाड़ियों को काफी एहतियतात बरतना पड़ता है, जिससे उनके मानसिक स्थिति पर भी असर पड़ता है। हाल ही में भारत ने इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज समाप्त की है और अब खिलाड़ियों को बायो-बबल में आईपीएल 2021 में खेलना है। 9 अप्रैल से शुरू हो रहे आईपीएल से पहले भारतीय कप्तान विराट कोहली ने बायो-बबल को लेकर चिंत व्यक्त की है। उन्होंने कहा है कि आप सबसे एक जैसी मानसिक शक्ति की उम्मीद नहीं कर सकते। कोहली ने खुलकर नसीहत भी दे डाली है।
'बबल्स में खेलना मुश्किल होने वाला है'
कोहली ने कहा, 'भविष्य में कार्यक्रम पर ध्यान देने की जरूरत है, क्योंकि दो से तीन महीने तक 'बबल्स' में खेलना बहुत मुश्किल होने वाला है।' कोहली ने साथ ही कहा कि सभी की मानसिक स्थिति एक-जैसी नहीं होती, ऐसे में इस बात का भी ख्याल रखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा, 'आप सबसे यह उम्मीद नहीं कर सकते कि सभी की मानसिक शक्ति एक समान स्तर की होगी। सभी बायो बबल में 2-3 महीने रह सकें। कई बार आप दबाव महसूस करते हैं और आप थोड़ा बदलाव चाहते हैं।' कोहली ने आयोजकों को नसीहत देते हुए कहा कि मुझे यकीन है कि चीजों पर चर्चा की जाएगी और कार्यक्रम में ठीक से बनेगा। भविष्य में चीजें बदलेंगी। यह एक अलग टूर्नामेंट है और आईपीएल में नई चुनौतियां होंगी।
कई महीनों से बबल में हैं भारतीय खिलाड़ी
गौरतलब है कि ज्यादातर अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी अगस्त से ही बायो-सिक्योर बबल के अंदर रहने के लिए मजबूर हैं। इस दौरान खिाड़ियों को केवल छोटे ब्रेक ही मिले हैं। भारत के खिलाड़ियों ने पिछले साल सितंबर से लेकर जनवरी तक बबल में संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में आईपीएल खेला। इसके बाद टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया के अपने दौरे में बबल में टी20, वनडे और टेस्ट सीरीज खेली। ऑस्ट्रेलिया दौरे के बाद भारतीय खिलाड़ियों को एक छोटा ब्रेक मिला और फिर टीम ने इंग्लैंड के विरुद्ध चार टेस्ट, पांच टी20 और तीन वनडे मैचों की सीरीज खेली। अब भारतीय खिलाड़ियों को आईपीएल 2021 में उतरना है, जो 30 मई तक खेला जाएगा।