नई दिल्ली : देश में कोविड-19 महामारी के बीच कई स्कूलों एवं विश्वद्यालयों को चरणबद्ध तरीके से खोला जा रहा है। इसी के तहत दिल्ली में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) चौथे चरण के तहत पीएचडी के छात्रों के लिए 21 दिसंबर से कैंपस खोलने जा रहा है। छात्रों को बाहर से आने और जेएनयू पहुंचने से पहले सात दिनों तक सेल्फ क्वारंटीन में रहने को कहा गया है। उन्हें इस संबंध में एक सेल्फ डिक्लेरेशन यूनिवर्सिटी को देना होगा।
जेएनयू के कुलसचिव प्रमोद कुमार ने शनिवार को बताया कि सभी स्कूलों के पीएचडी छात्रों को, जिन्हें प्रयोगशाला के इस्तेमाल की जरूरत है, 21 दिसंबर से कैंपस आने की अनुमति होगी। कहीं बाहर से दिल्ली पहुंचने और कैंपस ज्वाइन करने से पहले छात्रों को अनिवार्य रूप से सात दिनों तक खुद को पृथकवास में रखना होगा और इस बारे में एक स्व-घोषणा पत्र भी यूनिवर्सिटी प्रशासन को सौंपना होगा।
कैंटीन और ढाबे रहेंगे बंद
कोविड-19 महामारी के मद्देनजर पिछले सात महीने तक बंद रहने के बाद विश्वविद्यालय परिसर को 2 नवंबर से चरणबद्ध तरीके से खोला जा रहा है। इसके तहत चौथे चरण में अब पीएचडी के छात्रों को कैंपस पहुंचने की अनुमति दी जा रही है। हालांकि कोरोना वायरस संक्रमण के मौजूदा हालात को देखते हुए यूनिवर्सिटी कैंपस में अब भी केंद्रीय पुस्तकालय, सभी कैंटीन और ढाबों को बंद रखने की घोषणा की गई है।
यूनिवर्सिटी कैंपस में आने वाले कर्मचारियों एवं छात्रों को अपने मोबाइल फोन पर आरोग्य सेतु एप डाउनलोड करने की सलाह दी गई है। कुलसचिव प्रमोद कुमार ने कहा, 'कार्यालयों, कार्यस्थलों और प्रयोगशालाओं में सुरक्षा के लिए कर्मचारियों एवं छात्रों को सर्वश्रेष्ठ कोशिश के तहत यह सुनश्चित करना चाहिए कि सभी कर्मचारी और छात्र आरोग्य सेतु एप (मोबाइल में) डाउनलोड करें।'
यहां उल्लेखनीय है कि मार्च में लॉकडाउन की घोषणा के साथ ही जेएनयू कैंपस को भी कोविड-19 के मद्देनजर बंद कर दिया गया था, जिसे 2 नवंबर से चरणबद्ध तरीके से खोला जा रहा है।