- केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने ऑनलाइन शिक्षा पर जोर दिया
- उन्होंने कहा कि कोविड-19 की चुनौतियों के बीच हमें संकट को अवसर में बदलना होगा
- HRD मंत्री ने कहा कि जिनके पास इंटरनेट की पहुंच नहीं है, उन्हें टीवी के माध्यम से शिक्षा तक पहुंच प्रदान किया जाएगा
नई दिल्ली : केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने आज (गुरुवार, 28 मई) देशभर के उच्च शिक्षण संस्थानों से ऑनलाइन चर्चा की। इस परिचर्चा का आयोजन ऐसे समय में किया गया, जबकि पूरा देश कोरोना वायरस महामारी से जूझ रहा है। देश में 25 मार्च से ही घोषित लॉकडाउन के बीच शैक्षणिक कार्य भी प्रभावित हुए हैं, जिसे देखते हुए मानव संसाधन विकास मंत्री ने ऑनलाइन एजुकेशन पर जोर दिया है।
राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (NAAC) के सहयोग से आयोजित इस बेबिनार में देशभर के लगभग 45 हजार उच्च शिक्षण संस्थानों के प्रमुखों ने हिस्सा लिया। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री ने इस दौरान संकट को अवसर में बदलने की बात कही। उन्होंने यह भी कहा कि यूजीसी देश के शीर्ष 100 ऐसे विश्वविद्यालयों को चिन्हित कर रही है, जहां से छात्रों को ऑनलाइन डिग्री कोर्स कराया जा सके।
मानव संसाधन विकास मंत्री के संबोधन की प्रमुख बातें
- केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री ने हजारों शिक्षकों व प्रोफेसर्स को धन्यवाद दिया, जो संकट की इस घड़ी में छात्रों की मदद के लिए अथक परिश्रम कर रहे हैं। उन्होंने विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षा संस्थानों को यह सुनिश्चित करने के लिए बधाई दी कि पढ़ने-पढ़ाने का काम कोरोना काल में भी उन्होंने जारी रखा और इसे बंद नहीं होने दिया। उन्होंने कहा कि सभी मिशन मोड में हैं और हमें इसका परिणाम भी मिलेगा।
- मानव संसाधन विकास मंत्री ने कहा कि भारत कभी 'विश्व गुरु' था। यहां के तक्षशिला और नालंदा दुनिया के सबसे पुराने विश्वविद्यालयों में से रहे हैं। हमारा लक्ष्य उसी सम्मान को हासिल करना है। नई शिक्षा नीति उसी की आधारशिला रखेगी। भारत अब अपने 'गुरुओं' (शिक्षकों) की ओर देख रहा है।
- केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री ने कहा कि नई शिक्षा नीति, विज्ञान और प्रौद्योगिकी पर आधारित होगी, जो भारत की सांस्कृतिक विरासत पर आधारित होगी और इसका मकसद एक नए भारत का निर्माण होगा- स्वस्थ, स्वच्छ, सशक्त और श्रेष्ठ भारत।
- मानव संसाधन विकास मंत्री ने कहा कि चूंकि शिक्षा प्रणाली ऑनलाइन स्थानांतरित हो गई है, इसलिए हमने दूरस्थ क्षेत्रों के दूरस्थ क्षेत्रों में भी छात्रों तक पहुंच सुनिश्चित करने के प्रयास किए हैं। हमने दुनिया का सबसे बड़ा ऑनलाइन पोर्टल 'स्वयं' बनाया है। जिन छात्रों के पास इंटरनेट की पहुंच नहीं है, उन्हें टेलीविजन सेटों के माध्यम से शिक्षा तक पहुंच प्रदान किया जाएगा। जल्द ही ई-विद्या एक राष्ट्र के लिए एक पोर्टल बन जाएगा।
- मानव संसाधन विकास मंत्री ने कहा कि यूजीसी और एनसीईआरटी के तहत एक टास्क फोर्स का गठन किया है। टास्क फोर्स छात्रों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए दिशानिर्देशों पर काम कर रही है। दिशानिर्देशों के अनुसार, विश्वविद्यालयों में परीक्षाएं जुलाई में शुरू की जा सकेंगी। अंतिम सेमेस्टर परीक्षा आयोजित की जाएगी। यदि किसी क्षेत्र में परीक्षा के लिए अभी अनुकूल स्थिति नहीं है, वहां और विकल्प तलाशे जाएंगे।