- यूपीएससी 2018 में 26वीं रैंक हासिल करने वाले हिमांशु नागपाल ने पहले ही अटेंप्ट में ये मुकाम हासिल किया।
- हिमांशु का मानना है कि स्टूडेंट्स को ग्रैजुएशन के दौरान ही यूपीएससी की तैयारी शुरू कर देनी चाहिए।
- हिमांशु जब कॉलेज में थे तो उनके पिता की मौत हो गई थी।
नई दिल्ली. सिविल सर्विसेज परीक्षा, 2018 में 26वीं रैंक हासिल करने वाले हिमांशु नागपाल ने पहले ही अटेंप्ट में ये मुकाम हासिल कर लिया था। हिमांशु का मानना है कि स्टूडेंट्स को ग्रैजुएशन के दौरान ही यूपीएससी की तैयारी शुरू कर देनी चाहिए।
हिमांशु ने दिल्ली नॉलेज ट्रैक से बातचीत में कहा कि, " कॉलेज टाइम तैयारी शुरू करने का सबसे सही वक्त है। आप कॉलेज के दौरान जनरल स्टडीज की एक फाउंडेशन बना सकते हैं। अखबार रोज पढ़ना और एनसीआरटी को पढ़ने से ऐसा हो सकता है।"
बकौल हिमांशु, "सिविल सर्विस सिर्फ पढ़ाई तक ही सीमित नहीं है। आपको अपने अंदर कुछ मूल्यों को भी लाना होगा। इसके अलावा कॉलेज के दौरान ही आप अंदर धैर्य ले आएंगे तो आपके लिए यूपीएससी का सफर काफी आसान हो जाएगा।"
कॉलेज को न करें कॉम्प्रोमाइज
हिमांशु के मुताबिक मैं यूपीएससी की तैयारी के दौरान अपनी कॉलेज की पढ़ाई के साथ समझौता नहीं किया था। मैं कॉलेज जाने से पहले अखबार पढ़ा करता था। वहीं, आने के बाद एनसीआरटी और ऑप्शनल सब्जेक्ट की पढ़ाई करती थी।
हिमांशु कहते हैं कि पहले अटेंप्ट में ये एग्जाम क्वालिफाई करने के लिए आठ से नौ घंटे की पढ़ाई काफी होती है। इसके अलावा अगर आप चार-पांच घंटे भी दे रहे हैं तो भी ये काफी है। हालांकि, इसे रोजाना नियमित रूप से फॉलो करें।
पहले पिता फिर भाई की हुई मौत
हिमांशु जब कॉलेज में थे तो उनके पिता की मौत हो गई थी। इसके दो साल बाद बड़े भाई भी चले गए। हिमांशु कहते हैं कि पिता और भाई की मौत के बाद सिविल सर्विस मेरे लिए ऑप्शन नहीं रह गया था। मुझे इस एग्जाम को क्लियर ही करना पड़ेगा।
हिमांशु इस लक्ष्य को हासिल करने में उनके चाचा ने हर कदम पर साथ दिया था।हिमांशु उनके पिता हमेशा उनके लिए प्रेरणास्त्रोत थे। दो साल बाद भाई की मौत के बाद लगा था कि अब मुझे वापस घर जाना ही पड़ेगा। हालांकि,उस वक्त मेरे चाचाजी ने मुझे संभाला था।