- ग्रीन कॉफी, मेटाबॉलिक रेट को बढ़ा देती है
- खाने के बाद ग्रीन कॉफी पीना होता है फायदेमंद
- ग्रीन कॉफी ब्लड में ग्लूकोज को तुरंत नहीं घुलने देती
ग्रीन टी एंटीऑक्सीडेंट से भरी होती है और ये वेट लॉस के लिए भी काम आती है, लेकिन इससे भी एक कदम आगे बढ़कर ग्रीन कॉफी के फायदे गिनाए जा रहे हैं। माना जाता है कि ग्रीन कॉफी पीना कई मायनों में स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है। खास कर वेट कम करने वालों के लिए ये किसी कारगर दवा से कम नहीं है।
प्राकृतिक रूप से वजन कम करने का ये बहुत ही कारगर तरीका माना जाता है, लेकिन क्या सही मायने में ये ग्रीन कॉफी आपके वेट को कम करने में कारगर है? तो आइए आज इसी के बारे में जानें कि ये ग्रीन कॉफी हमारे स्वास्थ्य के लिए कितनी इफेक्टिव है।
ग्रीन कॉफी क्या है?
ग्रीन कॉफी बीन्स, कॉफी के बीज ही होते हैं, लेकिन ये भुने हुए नहीं होते और कच्चे होते हैं। इन ग्रीन बीन्स में बहुत अधिक मात्रा में क्लोरोजेनिक एसिड पाया जाता है और ये एसिड ही हमारे शरीर को स्वस्थ बनाने में काम आता है। कॉफी में मौजूद क्लोरोजेनिक एसिड, एंटीऑक्सिडेंट से भरा होता है और वेट लॉस में ये बहुत कारगर होता है। इतना ही नहीं हाई बीपी, ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में भी ये बहुत काम आता है। ग्रीन कॉफी रोज पीने से कहा जाता है कि वेट तेजी से कम होता है। इस काफी में न तो दूध मिलाया जाता है न चीनी।
जानें कैसे काम करती है ग्रीन कॉफी
इंडियन जर्नल ऑफ इनोवेटिव रिसर्च एंड डेवलपमेंट की रिपोर्ट बताती है कि ग्रीन कॉफी में क्लोरोजेनिक एसिड ही ऐसा तत्व होता है जो वेट कम करने में सहयोग करता है। ये एसिड शरीर में जमा फैट को तेजी से पिघलाता है। इतना ही नहीं ग्रीन कॉफी तीन तरीके से वेट कम करने कि प्रक्रिया पर काम करती है। आइए जानें वो प्रक्रिया क्या है।
चयापचय यानी मेटाबॉलिज्जम का स्तर बढ़ता है
ये सभी जानते हैं कि यदि मेटाबॉलिक रेट अधिक हो तो वेट तेजी से कम होता है, लेकिन जिनका मेटाबॉलिक रेट कम हो वह मोटापे के शिकार होते हैं। ग्रीन कॉफी मेटाबॉलिज्म पर ही काम करती है। क्लोरोजेनिक एसिड बेसल मेटाबोलिक दर (बीएमआर) को बढ़ाने में मदद करता है। इससे लिवर से कम ग्लूकोज निकलता है जिससे शरीर को ऊर्जा के लिए शरीर में जमा वसा को जलाना पड़ता है। इससे शरीर में जमा फैट तेजी से कम होने लगता है।
भूख को नियंत्रित करती है ग्रीन कॉफी
अगर आपको भूख बार बार लगने की शिकायत हो, या कुछ भी खाने के बाद तुरंत भूख लग जाए तो आपको ग्रीन कॉफी का सेवन जरूर करना चाहिए। ग्रीन कॉफी में ऐसे तत्व हैं जो भूख को नियंत्रित करते हैं। भूख को खत्म करने का ये प्राकृतिक तरीका है। यह आपकी क्रेविंग को नियंत्रित करने में मदद करता है और इस तरह ओवरईटिंग से बच जाते हैं। ग्रीन कॉफी का नियमित सेवन का एक बड़ा फायदा ये भी है कि ये शरीर में वसा और कार्ब की खपत को रोकता है।
चीनी के अवशोषण को कम करती है ग्रीन कॉफी
ग्रीन कॉफ़ी पीने से आपकी छोटी आंत में शुगर का अवशोषण कम होने लगता है। इतना ही नहीं ये कम चीनी को वसा के रूप में संग्रहीत करता है, इससे जब शरीर को ग्लूकोज की जरूरत होती है तो ये वसा ही ऊर्जा के रूप में प्रयोग होते हैं। इससे शरीर में अतिरिक्त वसा नहीं जमने पाती। इस
वक्त पीना ग्रीन कॉफी होता है सबसे इफेक्टिव
हालांकि ग्रीन कॉफ़ी को दिन के किसी समय भी पीना लाभदायक होता है, लेकिन इसे अगर आप खाने के बाद पीएं तो ये बहुत इफेक्टिव होता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि प्रोटीन और कार्ब्स खाने के बाद ब्लड में ग्लूकोज का लेवल तेजी से बए़ता है लेकिन जब ग्रीन कॉफी पी जाती है तो ये ब्लड में ग्लूकोज को तुरंत घुलने से रोकता है। इससे ब्लड में ग्लूकोज का लेवल संतुलित रहता है।
ऐसे बढ़ा सकते हैं टेस्ट और फायदा भी
स्वाद बढ़ाने के लिए आप इसमें कुछ शहद या दालचीनी मिला सकते हैं, ये दोनों ही चीजें साथ में मिलने से स्वाद भी बढ़ाती हैं और सेहत के लिए फायदेमंद भी होती हैं।
वेट लॉस करने के लिए यदि आप भी मशक्कत कर रहे हैं तो आपको अपने रोज के सेवन में ग्रीन कॉफी को भी शामिल करना जरूरी है।