- असदुद्दीन ओवैसी ने मुसलमानों की खुशहाली को लेकर मोहन भागवत की टिप्पणी की कड़ी प्रतिक्रिया दी है
- आरएसएस प्रमुख की टिप्पणी के बाद एआईएमआईएम चीफ ने एक के बाद एक कई ट्वीट कर अपनी बात रखी
- उन्होंने कहा कि भारतीय मुसलमान खुशहाली को लेकर किसी स्पर्धा में नहीं हैं, बल्कि बस अपना अधिकार चाहते हैं
नई दिल्ली : भारतीय मुसलमानों को लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत की टिप्पणी पर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने ऐतराज जताया है। उन्होंने कहा कि आरएसएस की विचारधारा वास्तव में इस देश के मुसलमानों को द्वितीय श्रेणी का मुसलमान बनाए जाने की है। उन्होंने भारतीय मुसलमानों को दुनिया में सबसे अधिक खुश व संतुष्ट बताए आने के आरएसएस प्रमुख की टिप्पणी पर उनकी आलोचना की।
एक के बाद एक कई ट्वीट में ओवैसी ने भागवत से पूछा कि आखिर मुसलमानों की खुशहाली मापने का पैमाना क्या है? साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि दुनियाभर के मुसलमानों में खुशहाली को लेकर कोई स्पर्धा नहीं है और भारतीय मुसलमान बस अपना मौलिक अधिकार चाहते हैं। उन्होंने ट्वीट कर काहा, 'हमारी खुशहाली का पैमाना क्या है? यही कि भागवत नाम का एक आदमी हमेशा हमें बताता रहे कि हमें बहुसंख्यकों के प्रति कितना आभारी होना चाहिए? हमारी खुशी का पैमाना यह है कि संविधान के तहत हमारे आत्म-सम्मान का सम्मान किया जाता है या नहीं।'
'हम बस अपना अधिकार चाहते हैं'
एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा, 'हमें ये मत बताइए कि हम कितने खुश हैं, जबकि आपकी विचारधारा मुसलमानों को द्वितीय श्रेणी का नागरिक बनाना चाहती है। मैं आपसे यह नहीं सुनना चाहता कि हमें अपने ही देश में रहने के लिए बहुसंख्यकों के प्रति आभार जताना चाहिए। हम बहुसंख्यकों की सद्इच्छा नहीं चाहते। हम दुनियाभर के मुसलमानों के साथ खुश रहने की प्रतिस्पर्धा में नहीं हैं। हम सिर्फ अपना मौलिक अधिकार चाहते हैं।'
एआईएमआईएम प्रमुख का यह ट्वीट संघ प्रमुख मोहन भागवत की उस टिप्पणी के जवाब में आया है, जिसमें उन्होंने कहा कि भारतीय मुसलमान दुनिया में सर्वाधिक संतुष्ट व खुश हैं। उन्होंने यह टिप्पणी हिन्दी पत्रिका 'विवेक' को दिए एक इंटरव्यू के दौरान की थी, जिसमें यह भी कहा कि भारतीय इतिहास यह भी बताता है कि जब कभी देश की संस्कृति पर हमला हुआ, सभी धर्मों के लोग एकजुट होकर उसके खिलाफ लड़े।