- रामविलास पासवान पंचतत्व में विलीन, अंतिम यात्रा में उमड़ा लोगों का हुजूम
- पुत्र एवं सांसद चिराग पासवान ने मुखाग्नि दी
- बिहार के कई शीर्ष नेता भी पासवान की अंतिम यात्रा में जुटे
नई दिल्ली: लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) के नेता और केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान का शनिवार को पूरे राजकीय सम्मान के साथ हाजीपुर के पास दीघा स्थित जनार्दन घाट पर अंतिम संस्कार किया गया। रामविलास पासवान के पुत्र, सांसद और एलजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने मुखाग्नि दी। मुखाग्नि देने के बाद चिराग एकदम से बेसुध होकर गिर पड़े। उन्हें किसी तरह से संभाला गया। इसका वीडियो भी सामने आया है। पिता की मौत के बाद से 37 वर्षीय चिराग काफी टूट चुके हैं। चिराग ने अपने पिता के अंतिम संस्कार से पहले चिता की परिक्रमा की और फिर मुखाग्नि दी। इसके बाद वह अचानक अचेत हो गए लेकिन उनके एक रिश्तेदार ने उन्हें संभाल लिया जिससे वह गिरने से बच गए। परिवार के एक करीबी सूत्र ने बताया, 'वह खतरे से बाहर हैं । गर्मी और आर्द्रता के साथ मानसिक तनाव के कारण उन्हें परेशानी हुई है।'
पासवान के अंतिम संस्कार के दौरान दीघा स्थित घाट पर भारी संख्या में लोग मौजूद थे। इस दौरान घाट पर पासवान की पत्नी रीना पासवान भी मौजूद थीं। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव समेत कई नेता यहां पहुंचे और उन्होंने पासवान को अंतिम विदाई दी।
पासवान का बृहस्पतिवार को दिल्ली में निधन हो गया था। पासवान कई सप्ताह से यहां के एक अस्पताल में भर्ती थे। हाल ही में उनके हृदय की सर्जरी हुई थी। फार्टिस एस्कॉर्ट हार्ट इंस्टीट्यूट द्वारा जारी बयान के अनुसार, पिछले 24 घंटों में पासवान के स्वास्थ्य में गिरावट आयी और बृहस्पतिवार को शाम छह बजकर पांच मिनट (06:05 शाम) पर उन्होंने अंतिम सांस ली। चिराग पासवान ने पिता के निधन की सूचना साझा करते हुए ट्वीट किया, 'पापा....अब आप इस दुनिया में नहीं हैं लेकिन मुझे पता है आप जहां भी हैं हमेशा मेरे साथ हैं। मिस यू पापा।'
राम विलास पासवान ने वर्ष 2000 में जनता दल (यूनाइटेड) से अलग होकर लोजपा का गठन किया था। पिछले साल पार्टी की अपने पुत्र कमान चिराग पासवान को सौंपने से पहले वह लोजपा के संस्थापक अध्यक्ष रहे। राम विलास पासवान केंद्र सरकार में उपभोक्ता मामले, खाद्य एंव सार्वजनिक वितरण मंत्री थे। 74 साल के रामविलास ने पिछले साल सक्रिय राजनीति में 50 साल पूरे किए थे, वो पहली बार 1969 में विधायक चुने गए थे। 5 जुलाई, 1946 को बिहार के खगड़िया जिले में जन्मे पासवान पुलिस सेवा के लिए चुने गए थे, लेकिन उन्होंने राजनीति में शामिल होने का फैसला किया।