- कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के प्रदर्शन के बीच कांग्रेस ने बीजेपी पर तीखे वार किए हैं
- कांग्रेस नेता सुरजेवाला ने कहा कि गृह मंत्री हैदराबाद जा सकते हैं, पर वह किसानों से मिलने नहीं पहुंचे
- उन्होंने कहा कि हरियाणा के मुख्यमंत्री को किसानों को खालिस्तानी कहने के लिए माफी मांगनी चाहिए
नई दिल्ली: केंद्र की ओर से लाए गए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के प्रदर्शन के बीच कांग्रेस ने रविवार को केंद्र सरकार और बीजेपी पर तीखे वार किए। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने महात्मा गांधी का हवाले देते हुए कहा कि अगर कानून आपकी रक्षा नहीं कर सकता तो इसका अर्थ यह है कि इसे बदलने का समय आ गया है। उन्होंने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार और और हरियाणा की खट्टर सरकार ने प्रदर्शनकारी किसानों के खिलाफ करीब 12,000 मामले दर्ज किए हैं।
केंद्र में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार पर हमला करते हुए सुरजेवाला ने कहा कि गृह मंत्री अमित शाह हैदराबाद में चुनावी रैली के लिए गए, लेकिन वह दिल्ली की सीमा पर किसानों से मिलने नहीं पहुंचे। उन्होंने कहा, 'इस ठंड के मौसम में कृषि मंत्री किसानों से बात करने के लिए 3 दिसंबर तक का इंतजार कर रहे हैं। कांग्रेस नेता ने कहा कि अगर पीएम मोदी ने अपने मन की बात में कहा कि तीन कानून किसानों के लिए सही हैं, तो बातचीत का क्या मतलब है?
'माफी मांगें खट्टर, मालवीय'
मोदी सरकार से तीनों कृषि कानूनों को सस्पेंड करने की मांग करते हुए सुरजेवाला ने कहा कि हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और अमित मालवीय को किसानों को आतंकवादी और खालिस्तानी कहने के लिए माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने किसानों के खिलाफ सभी एफआईआर वापस लेने की भी मांग की।
कांग्रेस महासचिव ने मोदी सरकार से कुछ सवाल भी किए। उन्होंने जानना चाहा कि MSP को समाप्त करने के पीछे क्या रणनीति है? MSP पर आधारित उत्पाद कौन खरीदेगा? किसानों को कैसे मिलेगा एमएसपी? काला बाजार और स्टॉकहोल्डर्स को फ्रीहैंड क्यों दिया गया? एसेंशियल कमोडिटीज एक्ट अब लागू नहीं है, फिर स्टॉकहोल्डर्स इसे ऊंचे दामों पर कैसे बेचेंगे?
सुरजेवाला ने कहा, 'कानून कहता है कि किसान अपनी उपज बेचने के लिए अन्य राज्यों में जा सकते हैं। लेकिन किसान जब अपने ही क्षेत्र में अपनी उपज ठीक से नहीं बेच पा रहे हैं तो इससे उन्हें क्या फायदा होगा?' कांग्रेस नेता ने कहा कि कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग के साथ बीजेपी सरकार ने एक और तरह का जमींदारी कानून शुरू किया है। कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग के तहत किसान कॉरपोरेट घरानों से लड़ने में सक्षम नहीं होंगे।