- उत्तर प्रदेश के कानपुर में एक 10वीं में 83 फीसदी नंबर लाने वाली छात्रा ने की आत्महत्या
- छात्रा की सहेली के आ गए थे ज्यादा नंबर, जिससे उदास थी छात्रा
- माता-पिता की अनुपस्थिति में छात्रा ने घर के अंदर फांसी लगाकर की खुदकुशी
कानपुर: कक्षा दसवीं की एक छात्रा ने अपना जीवन महज इसलिए समाप्त कर दिया क्योंकि उसकी सहेली ने उप्र बोर्ड परीक्षाओं में उससे ज्यादा नंबर हासिल किए थे।
यह घटना यहां कल्याणपुर पुलिस सर्कल में मंगलवार को हुई। 15 साल की अमीशा (मृतक) ने 10वीं में 83 प्रतिशत अंक प्राप्त किए थे, जबकि उसकी सहेली को 85 प्रतिशत अंक मिले थे।
सुसाइड नोट नहीं
कानपुर के एसएसपी दिनेश कुमार ने संवाददाताओं को बताया कि इससे जुड़ा कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। लड़की के परिवार ने कहा है कि पिछले शनिवार को बोर्ड परीक्षाओं के परिणाम घोषित होने के बाद से ही वह परेशान थी। अमीषा के पिता श्रवण कुमार निषाद ने कहा कि उसे जितने अंक आने की उम्मीद थी उतने अंक नहीं आने से उनकी बेटी अवसाद में थी। जबकि उसकी सहेली के उससे ज्यादा अंक आए थे।
परिवार ने नहीं कराई शिकायत दर्ज
परिवार ने पुलिस में कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई है। जब अमीषा ने फांसी लगाकर आत्महया की, तब उसके माता-पिता घर पर नहीं थे। घर में उसका भाई जब सोकर उठा तो उसने उसे फांसी पर लटका हुआ देखा था।
शनिवार को घोषित हुआ था रिजल्ट
आपको बता दें कि पिछले हफ्ते ही उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री डा़ॅ दिनेश शर्मा ने राजधानी के लोकभवन में यूपी बोर्ड परीक्षा-2020 का परिणाम घोषित किया था। इस बार हाई स्कूल व इंटरमीडिएट दोनों का रिजल्ट पिछले साल की तुलना में अच्छा आया है। हाईस्कूल में 83.31 फीसद और इंटरमीडिएट में 74.63 प्रतिशत परीक्षार्थी उत्तीर्ण हुए हैं।
उपमुख्यमंत्री ड़ॉ. दिनेश शर्मा ने पत्रकारों को बताया कि इस बार हाई स्कूल व इंटरमीडिएट दोनों का रिजल्ट पिछले साल की तुलना में अच्छा आया है। हाईस्कूल में 83़ 31 फीसद परीक्षार्थी उत्तीर्ण हुए हैं। छात्राओं का उत्तीर्ण प्रतिशत 87़ 22 है। बालिकाओं का उत्तीर्ण प्रतिशत बालकों की अपेक्षा 7़10 प्रतिशत अधिक है। इंटरमीडिएट में 74़ 63 फीसद विद्यार्थी उत्तीर्ण हुए हैं। इंटरमीडिएट का पास परसेंटेज 74़ 50 रहा। बालिकाओं का उत्तीर्ण प्रतिशत बालकों की अपेक्षा 13 प्रतिशत अधिक है।