- राम मंदिर के भूमिपूजन में सिंधू नदी के घाट की मिट्टी इस्तेमाल की जाएगी।
- इन धार्मिक स्थलों से भी इकट्ठा की जाएगी मिट्टी
- जानिए मिट्टी एकत्र करने की जिम्मेदारी किसे मिली है।
अयोध्या में राम मंदिर के भूमिपूजन कार्यक्रम को लेकर तैयारियां जोर-शोर से चल रही है। अब इसी बीच बताया जा रहा है कि राम मंदिर से माता वैष्णोदेवी मंदिर स्थल का खास कनेक्शन है। बता दें कि राम मंदिर के निर्माण के लिए 5 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भूमि पूजन करेंगे और नींव की पहली ईट रखेंगे। इस कार्यक्रम में किसी तरह की कोई कमी न रहे जाए, इसके लिए खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसकी जिम्मेदारी ली है। इस मंदिर में नींव पूजन के दौरान देश के अलग-अलग धार्मिक स्थलों की मिट्टी का इस्तेमाल होगी।
ऐसे में माता वैष्णोदेवी मंदिर स्थल की भी मिट्टी नींव के दौरान इस्तेमाल की जाएगी। खास बात है कि केवल जम्मू कश्मीर के 15 जिलों के 70 धार्मिक स्थलों के मिट्टी को इकट्ठा किया जाएगा और उसे भूमि पूजन के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। भूमि पूजन के कार्यक्रम में देशभर से 150 लोग हिस्सा लेंगे। 70 धार्मिक स्थलों में ऊधमपुर में सुदमहादेव मंदिर, बाबे वाली माता, रघुनाथ मंदिर, पुंछ के बाबा बुड्ढा अमरनाथ, पीर खोह मंदिर जैसे स्थानों के मिट्टी शामिल हैं। इसके अलावा सिंधू नदी के घाट की मिट्टी भी इस्तेमाल की जाएगी।
इन धार्मिक स्थलों से भी इकट्ठा की जाएगी मिट्टी
राम मंदिर के भूमि पूजन के लिए माता चिंतपूर्वी मकवाल, बाबा योग ध्यान रामकोट, उत्तरवाहिनी, वरुण देवस्थान उज्जव पुल, पंचतीर्थी उज्ज,पंचवक्त्र मंदिर, बसंतर गंगा धार समेत अन्य मंदिरों से भी मिट्टी इकट्ठा किया जाएगा।
इस दिन अयोध्या के लिए रवाना होगी धार्मिक स्थलों की मिट्टी
जम्मू कश्मीर के धार्मिक स्थालों से मिट्टी को एकत्र करने के बाद 29 जुलाई यानी कल अयोध्या के लिए रवाना कर दिया जाएगा। इन पवित्र स्थानों की मिट्टी लाने के लिए खास व्यवस्था की गई है।
मिट्टी एकत्र करने की जिम्मेदारी मिली इन्हें
राम मंदिर के नींव पूजन के लिए इन सभी धार्मिक स्थलों से मिट्टी एकत्र करने की जिम्मेदारी विश्व हिंदू परिषद की है। वे जम्मू-कश्मीर के जिलों में स्थिति सभी मंदिरों से मिट्टी एकत्र कर रहे हैं। इसके अलावा 15 जिलों के 70 धार्मिक स्थलों से मिट्टी एकत्र की जा चुकी है। बता दें कि राम मंदिर के निर्माण को लेकर अयोध्या में हलचल भी तेज हो हई है।