- व्यक्ति को सही समय पहचान कर कोई कार्य करना चाहिए
- सफलता प्राप्त करने लिए शत्रु और मित्र में फर्क समझना जरूरी
- जानकारी का अभाव सफलता के रास्ते की उसकी सबसे बड़ी दुश्मन
Chanakya Niti in Hindi: कई ऐसे लोग होते हैं जो जीवन भर मेहनत करते हैं, लेकिन उन्हें सफलता व सुख नहीं मिल पाता। वहीं कुछ ऐसे लोग भी होते हैं जो थोड़ी ही मेहनत से सफलता हासिल कर लेते हैं। जीवन में असफल होने का सबसे बड़ा कारण जानकारी व मार्गदर्शन का अभाव माना जाता है। ऐसे में किसी भी व्यक्ति के लिए आचार्य चाणक्य की नीति शास्त्र सबसे ज्यादा काम आती हैं। आचार्य की नीतियां हमारा मार्गदर्शन करते हुए हमें सही रास्ता दिखाती हैं और सफलता की सीढ़ी चढ़ने में मदद करती हैं। आचार्य चाणक्य ने सफलता प्राप्त करने के 5 खास मंत्र बताएं हैं।
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सफलता का पहला मंत्र
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि, व्यक्ति को हमेशा अपने समय के बारे में पता होना चाहिए। जिसके अनुसार वह सही फैसला ले सकता है। व्यक्ति को अपने समय को देखकर ही किसी नए काम को शुरू करना चाहिए। व्यक्ति को हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि अगर वक्त अच्छा चल रहा है तो कुछ नया काम करे, लेकिन बुरा वक्त आने पर धैर्य के साथ काम लें। नहीं तो उसके पूरी मेहनत पर पानी फिर जाएगा।
सफलता का दूसरा मंत्र
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि, व्यक्ति को दोस्त और दुश्मन में फर्क करना आना चाहिए। आचार्य कहते हैं कि, अक्सर लोग सामने दिख रहे दुश्मन से तो सावधान रहते हैं, लेकिन दोस्त के रूप में साथ चल रहे दुश्मन से धोखा खा जाते हैं। अगर मित्र के वेश में आपने शत्रु से मदद मांग लिया तो आपकी सारी मेहनत बेकार हो सकती है।
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सफलता का तीसरा मंत्र
चाणक्य नीति कहती है कि, किसी भी व्यक्ति में जानकारी का अभाव उसकी सबसे बड़ी दुश्मन होती है। किसी भी कार्य को शुरू करने से पहले उस कार्य, स्थान, हालात के बारे में पूरी जानकारी रखनी चाहिए। ऐसा करने से सफलता का प्रतिशत सौ फीसदी बढ़ जाता है।
सफलता का चौथा मंत्र
आचार्य चाणक्य के अनुसार, सफलता प्राप्त करने के लिए व्यक्ति को अपने धन के आय और व्यय की पूरी जानकारी होनी चाहिए। व्यक्ति को आय से अधिक कभी भी व्यय नहीं करना चाहिए। बचत करने की आदत डालती चाहिए, क्योंकि बुरे समय में यही धन काम आता है।
सफलता का पांचवां मंत्र
आचार्य चाणक्य के अनुसार, व्यक्ति को हमेशा अपनी ताकत बढ़ाने पर ध्यान करना चाहिए। उसी के हिसाब से काम भी शुरू करना चाहिए। क्योंकि क्षमता से ज्यादा काम करने पर नाकामयाब होने की संभावना बहुत ज्यादा बढ़ जाती है।
(डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)