- सनातन हिंदु धर्म में अनंत चतुर्दशी का है विशेष महत्व।
- अनंत चतुर्दशी को अनंत चौदस भी कहा जाता है।
- महाराष्ट्र में इस दिन 10 दिन के गणेशोत्सव के बाद गणेश जी के विसर्जन की परंपरा भी है।
anant chaturdashi 2021 date and muhurat: भाद्रपद मास के चतुर्दशी तिथि को अनंत चतुर्दशी कहा जाता है, इसे अनंत चौदस भी कहते हैं। यह तिथि श्री हरि भगवान विष्णु को समर्पित होती है। इस दिन व्रत रखकर विधि विधान से भगवान विष्णु की पूजा अर्चना करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और कष्टों का निवारण होता है। इस दिन गणेशोत्सव का भी समापन होता है।
महाराष्ट्र और गुजरात समेत पूरे भारत में इस दिन को गणेश विसर्जन के रूप में मनाया जाता है। मान्यता है कि इस व्रत को 14 वर्षों तक लगातार करने से विष्णु लोक की प्राप्ति होती है। पौराणिक कथाओं में भी इस व्रत का खास उल्लेख किया गया है। इस बार अनंत चतुर्दशी का पावन पर्व 19 सितंबर दिन रविवार को है। ऐसे में इस लेख के माध्यम से आइए जानते हैं अनंत चतुर्दशी का शुभ मुहूर्त और इसका महत्व।
anant chaturdashi 2021 date, anant chaturdashi 2021 visarjan muhurat, अनंत चतुर्दशी तिथि और शुभ मुहूर्त
अनंत चतुर्दशी तिथि आरंभ : 19 सितंबर 2021, रविवार 6:07 Am से
चतुर्थी तिथि की समाप्ति : 20 सितंबर 2021, सोमवार 5:30 Am तक
अनंत चतुर्दशी का महत्व, why is anant chaturdashi celebrated
सनातन हिंदु धर्म में अनंत चतुर्दशी का विशेष महत्व है। इस दिन श्रीहरि भगवान विष्णु के अनंत रूप की पूजा की जाती है। जिन्होंने ऋष्टि की रचना में 14 लोकों यानि तल, अतल, वितल, सुतल, सलातल, रसातल, पाताल, भू, भव:, स्व:, जन, तप, सत्य मह की रचना की थी। इन समस्त लोकों की रक्षा करने के लिए भगवान विष्णु ने अनंत रूप धारण किए थे, जिससे वह अनंत प्रतीत होने लगे। इसलिए इस व्रत को अनंत चतुर्दशी व्रत कहा जाता है। विधि विधान से इस व्रत का पालन करने से मनुष्य के सभी कष्टों का निवारण होता है।
पौराणिक कथाओं के अनुसार लगातार 14 वर्षों तक अनंत चतुर्दशी का व्रत करने से मनुष्य को विष्णु लोक की प्राप्ति होती है। इस व्रत को लेकर मान्यता है कि जो व्यक्ति इस दिन व्रत रखने के साथ भगवान विष्णु के सहस्त्रनाम स्रोत का पाठ करता है उसकी समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है। अनंत चतुर्दशी व्रत की शुरुआत सर्वप्रथम महाभारत काल से हुई थी।