- अनंत चतुर्दशी के साथ ही गणेश उत्सव का समापन
- खास होती है इस दिन की महिमा
- गणेश जी के मंत्रों का उच्चारण करने से उनकी कृपा मिलती है
सितंबर की पहली तारीख को को दस दिवसीय गणेशोत्सव का अंतिम दिन है। इस दिन की गई गणेश पूजा से घर में सुख-समृद्धि यानी रिद्धि और सिद्धि का प्रवेश होता है। गणेशजी की कृपा से सभी दुख दूर हो जाते हैं। खास बात ये है कि इस दिन अनंत चतुर्दशी भी है। ऐसे में गणपति और विष्णु पूजन एक साथ होने से इस दिन की महिमा और पूजन का फल और बढ़ जाते हैं।
ऐसे करें गणेश पूजा
सुबह जल्दी उठें और स्नान के बाद गणेशजी की पूजा करें। पूजा में श्रीगणेश को सिंदूर, चंदन, जनेऊ, दूर्वा, लड्डू या गुड़ से बनी मिठाई का भोग लगाएं। धूप व दीप लगाकर आरती करें।
पूजन में इस मंत्र का जप करें-
प्रातर्नमामि चतुराननवन्द्यमानमिच्छानुकूलमखिलं च वरं ददानम्।
तं तुन्दिलं द्विरसनाधिपयज्ञसूत्रं पुत्रं विलासचतुरं शिवयो: शिवाय।।
प्रातर्भजाम्यभयदं खलु भक्तशोकदावानलं गणविभुं वरकुञ्जरास्यम्।
अज्ञानकाननविनाशनहव्यवाहमुत्साहवर्धनमहं सुतमीश्वरस्य।।
इस मंत्र का अर्थ यह है कि मैं ऐसे देवता का पूजन करता हूं, जिनकी पूजा स्वयं ब्रह्मदेव करते हैं। ऐसे देवता, जो मनोरथ सिद्धि करने वाले हैं, भय दूर करने वाले हैं, शोक का नाश करने वाले हैं, गुणों के नायक हैं, गजमुख हैं, अज्ञान का नाश करने वाले हैं। मैं शिव पुत्र श्री गणेश का सुख-सफलता की कामना से भजन, पूजन और स्मरण करता हूं।
लक्ष्मी-विनायक मंत्र का जप करें
दन्ताभये चक्र दरो दधानं, कराग्रस्वर्णघटं त्रिनेत्रम्।
धृताब्जया लिंगितमब्धिपुत्रया लक्ष्मी गणेशं कनकाभमीडे।।
श्रीं गं सौम्याय गणपतये वर वरदे सर्वजनं में वशमानय स्वाहा।।
यदि आप लक्ष्मी कृपा चाहते हैं तो पूजा में इस लक्ष्मी-विनायक मंत्र का जप कम से कम 108 बार करें। मंत्र जप के लिए कमल के गट्टे की माला का उपयोग करना चाहिए। ध्यान रखें मंत्र का जप सही उच्चारण के साथ करना चाहिए।
यदि आप इस मंत्र का जप नहीं कर पा रहे हैं तो इन सरल मंत्रों का जप कर सकते हैं।
श्रीगणेश मंत्र- ॐ महोदराय नम:। ॐ विनायकाय नम:।
महालक्ष्मी मंत्र- ॐ महालक्ष्म्यै नम:। ॐ दिव्याये नम:
इन मंत्रों का जाप गणेश जी के साथ ही लक्ष्मी कृपा भी दिलाता है। साथ ही, घर में सुख और समृद्धि का वास लाता है।