- साल में दो बार गुप्त नवरात्रि आती है, जिस दौरान की गई पूजा ज्यादा महत्वपूर्ण मानी जाती है
- गुप्त नवरात्रि में घट स्थापना का बड़ा महत्व होता है, जिसे विधिपूर्वक करना जरूरी है
- गुप्त नवरात्रि में तन और मन की सफाई के साथ घर में साफ सफाई होना भी जरूरी माना गया है
मां दुर्गा के भक्त साल में चार नवरात्रि में उनकी पूजा करते हैं। इनमें से चैत्र और शारदीय नवरात्रि के अलावा दो गुप्त नवरात्रि भी आते हैं। ये माघ और आषाढ़ माह में आते हैं। गुप्त नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की जगह 10 महाविद्याओं की पूजा का विधान है।
बता दें कि गुप्त नवरात्रि की पूजा प्रकट नवरात्रि से ज्यादा महत्वपूर्ण व फलदायी मानी जाती है। इस दौरान तांत्रिक सिद्धियां प्राप्त करने के लिए पूजा की जाती है। गुप्त नवरात्र में जो लोग देवी मां की पूजा करते हैं उन्हें अपनी और घर की साफ सफाई का खास ध्यान रखना चाहिए। साथ ही, मन में किसी तरह के विकार भी न आने दें।
Ashadha Navratri 2020 Date/ आषाढ़ नवरात्रि 2020 तिथि
इस साल आषाढ़ नवरात्रि 22 जून से आरंभ हो रहे हैं और ये 30 जून तक जारी रहेंगे। वहीं प्रतिपदा तिथि 21 जून को 12:10 मिनट पर शुरू होकर 22 जून 11:59 तक रहेगी।
Ashadha Navratri 2020 Ghatasthapana shubh muhurat
ऐसे तो आषाढ़ गुप्त नवरात्रि 2020 का शुभ मुहूर्त सोमवार, 22 जून को सुबह 5:24 बजे से लेकर 7:12 तक का है। यदि आप इस दौरान घटस्थापना नहीं कर पाते हैं तो ये विधि 22 तारीख के अभिजीत मुहूर्त में कर सकते हैं जो दिन में 11:55 से लेकर दोपहर 12:51 तक रहेगा।
Ghatasthapana Vidhi
- चांदी, तांबे या पीतल के लोटे पर हरा नारियल, आम के पत्ते, पानी, सिक्के, मिट्टी, लाल रंग का नया बिना धुला लाल कपड़ा, नौ अलग तरह का अन्न - एक बड़े मिट्टी के पात्र में रखें।
- अब कलश पर हल्दी लगाएं और इसमें पानी भरें। कुछ सिक्के इसमें डालें और आम के पत्ते इस तरह लगाएं इनका एक सिरा पानी को छुए और पत्तों का बाकी हिस्सा कलश से थोड़ा बाहर रहे।
- इस पत्तों के बीच में कलश के मुंह पर नारियल रखें और कलश पर चंदन, हल्दी और कुमकुम लगाएं।
- मिट्टी के पात्र में कलश को रखें और इसके आसपास मिट्टी फैला दें।
- नौ तरह के अनाज को इस मिट्टी में दबाएं और ऊपर से थोड़ा पानी डाल दें। इससे अनाज के बीज अंकुरित होंगे।
- कलश को लाल कपड़े से थोड़ा ढक दें और ताजे फूलों की माला इस पर चढ़ाएं।
- फिर पूरी श्रद्धा से व्रत रखने का संकल्प लेते हुए पंचोपचार पूजा करें। इसके लिए आपको घी, तिल या सरसों के तेल का दीया जलाना होगा। फिर कलश पर धूप जलाकर फूल, पान, सुपारी, केले, नारियल, हल्दी, कुमकुम और एक सिक्का अर्पित करें।
- अंत में खीर या कोई और मीठी चीज का नेवैद्य चढ़ाएं। अंत में अंबे -गौरी की आरती करने के बाद प्रसाद के तौर पर नेवैद्य को बांटें।
Ashadha Navratri 2020 Niyam
आषाढ़ गुप्त नवरात्रि की पूजा के दौरान कठिन नियम का पालन करना पड़ता है। साथ ही विभिन्न तांत्रिक साधनाओं को, जो काफी कठिन होती है, बहुत ही अनुष्ठान पूर्वक किया जाता है। यह पूजा कई समस्याओं से मुक्ति दिलाने में मदद करती है। ध्यान रहे कि इस दौरान चमड़े की वस्तु, चप्पल या बेल्ट आदि का प्रयोग ना करें।