- घर पर पीपल का पेड़ होने से परिवार के लोगों की तरक्की रुक जाती है
- पीपल पेड़ को काटने से लगता है पितृदोष
- पीपल पेड़ की पूजा करने से प्रसन्न होते हैं शनिदेव
Astrology Tips for Peepal Plant at Home: घर के बड़े बुजुर्गों से हमने अक्सर ऐसा सुना है कि पीपल का पेड़ घर पर नहीं लगाना चाहिए। इससे घर पर कई तरह की समस्याएं पैदा हो सकती हैं। केवल बड़े बुजुर्ग ही नहीं बल्कि ज्योतिषशास्त्र और वास्तुशास्त्र के अनुसार भी पीपल का पेड़ घर पर नहीं लगाना चाहिए। हालांकि पीपल पेड़ की पूजा करना बेहद शुभ माना जाता है। पीपल के पेड़ को पवित्र और पूजनीय पेड़ का स्थान प्राप्त है। इस पेड़ की पूजा करने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है। वहीं पीपल पेड़ के पास दीपक जलाने और जल चढ़ाने से भगवान शनिदेव की कृपा प्राप्त होती है। पीपल पेड़ को लेकर कई धार्मिक महत्व बताए गए हैं। लेकिन इसके बावजूद भी इसे घर पर लगाना अशुभ माना जाता है। जानते हैं आखिर क्यों घर पर पीपल का पेड़ लगाना होता है अशुभ।
पीपल पेड़ से घर पर होता है अशुभता का संचार
ज्योतिष के अनुसार पीपल पेड़ को घर पर लगाने से अशुभता का संचार होने लगता है। जिस घर पर यह पेड़ होता है वहां निर्जनता उत्पन्न होती है। साथ ही पारिवारिक सदस्यों की तरक्की भी बाधित होती है। घर पर पीपल का पेड़ लगाने से हमेशा ही नई नई समस्याएं जन्म लेती रहती है। माना जाता है कि यदि पीपल पेड़ की छाया घर पर पड़ती है तो इसलिए घर की वंशावृद्धि में भी समस्याएं आती है।
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क्या करें यदि घर पर हो पीपल का पेड़
घर पर वैसे तो कभी भी खुद से पीपल का पेड़ नहीं लगाना चाहिए। लेकिन यदि स्वाभाविक रूप से यानी अपने आप पीपल का पौधा घर पर बढ़ने लगे तो ऐसी स्थिति में क्या करना चाहिए। बता दें स्वाभाविक रूप से भी बढ़े हुए पीपल को नहीं काटना चाहिए। आप पीपल को जड़ समेत सावधानीपूर्वक उखाड़ लें और इसके बाद इसे किसी मंदिर या अन्य स्थान पर लगा दें। साथ ही हमेशा इस पेड़ की पूजा करें। इससे किसी प्रकार का दोष या अशुभ प्रभाव नहीं पड़ता है।
पीपल पेड़ का धार्मिक महत्व
हिंदू धर्म में तुलसी और केले की तरह ही पीपल भी पूजनीय होता पौधा होता है। पीपल के पेड़ को विश्व वृक्ष, चैत्य वृक्ष और वासुदेव के नाम से भी जाना जाता है। मान्यता है कि पीपल पेड़ के हर भाग यहां तक कि पत्ते-पत्ते में देवता वास करते हैं। जो व्यक्ति पीपल पेड़ के नियमित पूजा करता है,जल अर्पित करता है और धूप दीप जलाता है उसे देवताओं के साथ ही पितरों का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है।
(डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)