- स्त्रियों से बात करते हुए सावधान रहने को कहा है
- राजा और अधिकारी के कोप से बचन कर रहना चाहिए
- आग और पानी से कभी खिलवाड़ नहीं करना चाहिए
Chanakya Neeti: आचार्य चाणक्य केवल राजनीति के प्रकाण्ड विद्वान ही नहीं थे, बल्कि वह बेहतरीन अर्थशास्त्री होने के साथ दूदर्शी और भाविष्य ज्ञाता भी थे। यही कारण है कि उन्होंने अपनी नीतियों में बहुत कुछ ऐसी बातें लिखी हैं जो उस समय के लिए ही नहीं बल्कि आज के समय के लिए भी प्रासंगिक और महत्वपूर्ण हैं।
चाणक्य ने मानव जीवन को बेहतरीन बनाने और विपरीत परिस्थितियों से बचने के के अनेक उपाय बताए हैं। उनकी नीतियों में इस बात का जिक्र है कि यदि मानव जाति को संकटों से बचना है तो कुछ चीजों से हमेशा दूरी बना कर रहनी चाहिए। खास कर दैनिक कार्य से जुड़ी चीजें कैसे जीवन को बर्बाद कर सकती हैं यह भी बताया है। तो आइए जानें, क्या हैं वह चीजें जिनसे दूरी बनाए रखनी चाहिए।
आग से नहीं करनी चाहिए छेड़छाड़
चाणक्य ने आग से हमेशा बचन के रहने की सलाह दी है। उनका कहना है कि आग के साथ छेड़छाड़ नहीं करनी चाहिए, अन्यथा ये एक बार भड़क गई तो सब भस्म करके ही मानती है। आग से रोशनी और भोजन जरूर मिलता है लेकिन इससे खिलवाड़ मौत भी देता है। इसलिए इससे छेड़छाड़ नहीं करनी चाहिए।
नदी के पास नहीं बसना चाहिए
चाणक्य ने जल को जीवन जरूर बताया है, लेकिन साथ ही इसे आपदा का कारण भी माना है। उनका मानना था कि जल के बिना जीवन संभव नहीं, लेकिन नदी के किनारे कभी नहीं बसना चाहिए। जलीय स्थानों के पास घर बनाने से जल आपदा की स्थिति में सब कुछ जलमग्न हो सकता है। ऐसे में नदी के बिलकुल करीब कभी नहीं रहना चाहिए। चाणक्य ने जलीय स्थानों के पास घर बनाने को मना किया।
महिलाओं से आचरण रखें बेहतर
चाणक्य ने हर पुरुष को यह सीख दी है कि महिलाओं से अपना आचरण हमेशा बेहतर बना कर रखना चाहिए। महिलाओं से सम्मान पूर्वक व्यवहार करने से समाज में सभ्य व्यक्ति की छवि बनती है, जबकि यदि आपका आचरण सही नहीं तो आपकी छवि तुरंत खराब हो सकती है। महिलाओं से कभी दोहरे रूप में पेश नहीं आना चाहिए न ही अपना मतलब साधने की कोशिश करनी चाहिए। उनसे एक दूरी बना कर रखना ही आपको आगे बढ़ने में मदद कर सकता है।
मूर्खों को दूर से ही करें प्रणाम
चाणक्य ने कहा कि मूर्खों को दूर से ही प्रणाम कर निकल लेना चाहिए। यदि आपको इनसे बात करनी पड़े तो आप सावधानी से हर बात करें, क्योंकि मूर्ख बाल की खाल निकालने वाले होते हैं। ये आपकी हर सभी बात को अपनी तरफ से गलत सिद्ध करने का प्रयास करेंगे।
सांप को कभी हल्के में न लें
चाणक्य ने कहा कि सांप से हमेशा दूरी बनाकर रखनी चाहिए। यदि वह शांति से कहीं पड़ा है तो उसे छेड़ें नहीं बल्कि उसे यूं ही छोड़ दें। सांप अचानक से कभी भी क्रोध में आ सकता है और आपको कभी भी डंस सकता है।
राजा और अधिकारी से हमेशा सवाधान रहें
चाणक्य ने अपनी नीतियों में साफ कहा है कि राजा या अधिकारी से हमेशा सावधान रहना चाहिए। आपकी कौन सी बात कब बुरी लग जाए और वह क्रोधित हो जाएं। उनका क्रोध आपके लिए घाटे का सौदा हो सकता है। आपको कई दिक्कते हो सकती हैं, इसलिए इनसे दूर रहे अथवा बात करते हुए अतिसतर्क रहें।