- शादी से पहले पत्नी की सहनशीलता को अवश्य परख लें
- शादीशुदा जीवन के लिए लाइफ पार्टनर का शांत होना आवश्यक है
- पत्नी का संस्कारवान होना बेहद जरूरी है
आचार्य चाणक्य किसी परिचय को मोहताज नहीं हैं। आचार्य चाणक्य ने अपनी नीति के माध्यमों से ही नंद वंश को उखाड़ के फेंका और अपने शिष्य चंद्रगुप्त मौर्य को बतौर राजा स्थापित कर दिया। उनकी नीतियां और ज्ञान जीवन को सरल और सुगम बनाते हैं साथ ही जीवन की चुनौतियों से निपटने और रिश्तों को पहचान करने का भी सही तरीका बताते हैं।
आइए जानते हैं आचार्य चाणक्य के अनुसार पत्नी का चुनाव कैसे करें।
1. शारीरिक गुण
चाणक्य नीति के अनुसार जीवनसाथी चुनने का पैमाना कभी भी शारीरिक आकर्षण नहीं होना चाहिए। वो कहते हैं कि अक्सर पुरुष स्त्री की सुंदरता को देखते हुए उसके गुणों को दरकिनार कर देते हैं। ऐसा करने वाले पुरुष अपने जीवन में सदैव दुखी रहते हैं।
2. कुलीन घराने की कन्या से करें विवाह
चाणक्य के अनुसार व्यक्ति को कुलीन घराने की कन्या से विवाह करना चाहिए, उसके रंगरूप पर नहीं जाना चाहिए, भले ही वह रंग रूप से सामान्य हो लेकिन वह सर्वगुण संपन्न होती हैं। साथ ही नीच कुल घराने की कन्या से केवल उसकी सुंदरता को देखकर उस पर मोहित नहीं होना चाहिए बल्कि ऐसी कन्या से शादी करते वक्त उसके गुणों को बारीकियों से परखना आवश्यक है।
3. धैर्य जरूर रखें
आचार्य चाणक्य के अनुसार जिस व्यक्ति में धीरज होता है, वो सभी तरह की परिस्थितियों को संभाल लेता है। ऐसे में आपको धैर्यवान पत्नी का चुनाव करना चाहिए। चाणक्य कहते हैं कि शादी से पहले आपकी पत्नी में धैर्य है या नहीं इसकी परख अवश्य कर लें। ऐसा इसलिए यदि स्त्री धैर्यवान होगी तो कठिन परिस्थितियों में भी वो आपके साथ खड़ी रहकर आपका साथ निभाएगी।
4. स्वभाव जरूर परखें
चाणक्य के अनुसार व्यक्ति को अपने लिए गुस्सैल स्वभाव वाली पत्नी का चुनाव नहीं करना चाहिए। गुस्सैल लोग अपने आसपास मौजूद खुशियों को नजर अंदाज कर देते हैं। चाणक्य के मुताबिक यदि आप किसी गुस्सैल लड़की से विवाह करते हैं तो खुशी के जीवन की कल्पना करना व्यर्थ है। चाणक्य कहते हैं कि सफल शादीशुदा जीवन के लिए लिए लाइफ पार्टनर का शांत होना जरूरी है।
5. संस्कारवान
आचार्य चाणक्य के अनुसार जीवनसाथी को संस्कारवान होना भी आवश्यक है। आपकी पत्नी में संस्कार उसे अपने धर्म के प्रति ज्ञान भी होना चाहिए।