- लालच से पैदा होते हैं कई अवगुण
- लालची लोगों पर नहीं करता कोई विश्वास
- लालच छोड़ें और याद करें लोगों की उदारता
Chanakya Niti in Hindi: आचार्य चाणक्य की नीतियां और अनमोल विचार आज भी प्रासंगिक है। उनकी नीतियां भावी पीढ़ियों के लिए काफी प्रेरणादायक हैं। उनकी नीतियों को फॉलो करने से जीवन खुशहाल और सुखमय हो सकता है। आचार्य ने मनुष्यों के कई अवगुणों के बारे में बताया है। जिन लोगों में यह अवगुण होते हैं वो कभी धनवान और सफल नहीं हो पाते। आज हम आपको बता रहे हैं लालच के बारे में आचार्य चाणक्य की नीति के बारे में। आचार्य चाणक्य ने लालच को सबसे बड़ा अवगुण बताया है। उन्होंने कहा है कि लालची व्यक्ति कभी अपने लक्ष्यों को प्राप्त नहीं कर पाता और उसका जीवन कभी सुखमय नहीं होता। लालची लोगों का चरित्र विश्वास करने लायक नहीं होता।
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सबसे बड़ा अवगुण है लालच
आचार्य चाणक्य के अनुसार, लालच मनुष्य का सबसे बड़ा अवगुण है। लालच एक ऐसा बीज है जिससे कई अवगुण पैदा होते हैं। लालची आदमी के ऊपर विश्वास नहीं किया जा सकता। ऐसा व्यक्ति अपना स्वार्थ सिद्ध करने के लिए कुछ भी कर सकता है। ऐसे में लोभी व्यक्तियों से दूर रहने में ही भलाई है।
लालच छोड़ें और खुशहाल बनें
जब आप लालच छोड़ने की दिशा में कदम बढ़ाएंगे तब आपको काफी परेशानी होगी। तब उस व्यक्ति के बारे में सोचें जिसने अपनी लाभ की चिंता किए बिना आपकी मदद की थी। उनकी उदारता को याद कर इस दिशा की तरफ कदम बढ़ाएं।
सिर्फ खुद के लिए न जिएं
जीवन में कभी न कभी आपको भी कोई ऐसा मिला होगा जिसने जरूरत में आपकी मदद नहीं की होगी। जब भी कोई मदद मांगें तब उस व्यक्ति के बारे में सोचें। ऐसा करने से आपको दूसरों की मदद करने का मोल समझ आएगा और आप लालच को छोड़ सकेंगे।
अपने प्रियजनों के बारे में सोचें
लालच अक्सर आपको अपनों से दूर कर देता है। आप समर्थ होते हुए भी जब परिवार वालों और दोस्तों की मदद नहीं करते, तब वो बहुत आहत होते हैं और आपसे संपर्क तोड़ देते हैं। एक समय बाद आपके पास पैसा तो बहुत होगा लेकिन बात करने के लिए कोई नहीं होगा।
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ये चीजें नहीं खरीद सकता धन
जीवन में कई चीजें हैं जिसे धन नहीं खरीद सकता है। दूसरों के लिए दया का भाव रखें और सबकी मदद करें। अपनापन, प्यार और खुशहाली पैसे से नहीं खरीदी जा सकती। इसके लिए लोगों के साथ अच्छा व्यवहार करना जरूरी है।
(डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)