- सूर्य की आराधना से भाग्योदय होता है
- रविवार का दिन सूर्यदेव को समर्पित होता है
- सूर्य को जल तांबे के लोटे से ही देना चाहिए
Benefits Of Offering Water To the sun: सूर्य को जल चढ़ाने से हमारा शरीर भी कई रोगों से मुक्त होता है। सूर्य सभी ग्रहों का स्वामी होता है पुराणों में भी सूर्य का विशेष महत्व बताया गया है। हमारे पुराणों में भी सूर्य भगवान की पूजा और महत्व का उल्लेख मिलता है। यह भी कहा जाता है सूर्य को जल देने से मानव शरीर को सूर्य से निकलने वाली किरणों से ऊर्जा मिलती है। सूर्य न सिर्फ हमें बल्कि सम्पूर्ण ब्रह्मांड को ऊर्जा प्रदान करता है। पौराणिक काल से ही सूर्य को देवता का दर्जा प्राप्त है।
सूर्य का महत्व
जैसा कि हम सभी जानते है कि सूर्य शनि पुत्र है। हिन्दू शास्त्रों में इनको पूजनीय बताया गया है। हिन्दू मान्यताओं में हमारे देश के कई त्योहारों पर सूर्य देव की पूजा की जाती है। साथ ही सभी देवी-देवताओं में सूर्य और चन्द्र दो ही ऐसे देवता हैं जो इस पृथ्वी पर दृश्य होते हैं यानि कि जिन्हें हम हर दिन देख सकते हैं। अतः सृष्टि के आरंभ से ही मनुष्य इन दोनों की पूजा करता आ रहा है। वेदों और पुराणों में भी इस बात का उल्लेख मिलता है। भगवान राम खुद सूर्य देव की पूजा करते थे और उन्हें जल से अर्घ्य देते थे। महाभारत काल में पांडवों की माता कुंती सूर्य देव की भक्त थी। कर्ण नियमित सूर्य को अर्घ्य देने के बाद जरूरतमंदों को दान दिया करते थे।
सूर्य को नियमित अर्घ्य देने के फायदे
ज्योतिष में सूर्य को आत्मा का कारक माना गया है। हर दिन सूर्य को जल देने से आत्म शुद्धि और बल की प्राप्ति होती है। सूर्य को जल देने से आरोग्य का लाभ मिलता है। उगते सूर्य को नियमित जल देने से व्यक्ति कि आंखें स्वस्थ्य रहती है।
इसके लिए व्यक्ति को जल देते समय जल पात्र को सिर के सामने रखना चाहिए और गिरते जल के मध्य आंखों को केन्द्रित करते हुए सूर्य को देखना चाहिए। इससे नेत्र दोष दूर होता है।
जिनकी जन्मपत्री में सूर्य लग्न से 12वें या दूसरे घर में होता है उन्हें नेत्र रोग की आशंका रहती है, उनके लिए यह उपाय बहुत ही लाभप्रद होता है। ज्योतिषशास्त्र में सूर्य को राजा, राजकीय क्षेत्र, पिता और नौकरी में अधिकारी का कारक माना गया है।
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सूर्य को जल देने से इन सभी मामलों में शुभ होता है
नौकरी में उन्नति और लाभ के लिए यह जरूरी है कि आपका आत्मविश्वास बना रहे और आप सक्रिय रहें जिससे अधिकारीगण आपसे खुश हों। इसके लिए सूर्य को जल देना बहुत ही लाभप्रद होता है। सूर्य का संबंध हृदय से भी है इसलिए हृदय को स्वस्थ रखने के लिए सूर्य को जल देना बहुत ही शुभ फलदायी माना गया है। सूर्य को नियमित जल देने के साथ आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ किया जाए तो सूर्य अनुकूल बने रहते हैं जिससे हृदय पर अच्छा प्रभाव पड़ता है।
जन्मपत्री में सूर्य की अनुकूलता से पैतृक संपत्ति से सुख की प्राप्ति होती है। अगर पैतृक संपत्ति को लेकर विवाद हो रहा हो। पिता से तालमेल की कमी हो रही है तब सूर्य की पूजा और उदित होते सूर्य को अर्घ्य देना लाभकारी रहता है।
सरकारी नौकरी के लिए प्रयास कर रहे हैं तो आपको नियमित सूर्य को जल देते रहना चाहिए। इससे सूर्य आपका बलवान होता है और सूर्य के बली होने पर सरकारी क्षेत्र से लाभ प्राप्ति का योग भी प्रबल होता ।
सुबह जब जल अर्पित करें तो रखें इन खास बातों का ख्याल
- सूर्य को जल चढ़ाने के लिए सदैव तांबे के लोटा इस्तेमाल करना चाहिए।
- जल में चावल, रोली, फूल पत्तियां आदि डालकर चढ़ाना चाहिए।
- जल चढ़ाते समय गायत्री मंत्र का जाप करना चाहिए।
- आप भगवान सूर्य के 12 नामों का भी जाप कर सकते हैं।
- पूर्व दिशा की तरफ मुख करके ही जल अर्पित किया जाना चाहिए।
- सूर्य को जल देते वक्त लाल चंदन या रोली ओर गुलाब की पंखुड़िया भी जल में डालनी चाहिए।
- सूर्य देव को प्रसन्न करने के लिए नियमित रुप से जल अर्पित किया जाता है। माना जाता है कि सूर्य की आराधना से भाग्योदय होता है। रविवार का दिन सूर्यदेव को समर्पित किया जाता है।
(डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)