आचार्य चाणक्य प्रकांड विद्वान थे और अपनी बुद्धि और नीतियों के बल पर उन्होंने अपने जीवनकाल हर किसी को मात दी थी और इस युग में उनकी नीतियों को अपननाने वाले भी हर किसी को मात देते हैं। उनकी नीतियों को यदि कोई जीवन में उतार ले तो वह व्यक्ति जीवन में हमेशा सफलता ही प्राप्त करेगा। कई बार इंसान अपनी ही गलतियों से अपना नाश कर बैठता है। चाणक्य की नीति कहती है कि इंसान को समुद्र के समान होना चाहिए। जो सब कुछ समा कर भी ऊपर से शांत नजर आता हैं। ठीक उसी तरह उन्होनें हर इंसान को अपनी पांच बातें खुद तक रखने का भी निर्देश दिया है।
अपने एक श्लोक में चाणक्य ने इन बातों को राज रखने की सलाह दी है -
"अर्थनाशं मनस्तापं गृहे दुश्चरितानि च ।
वञ्चनं चापमानं च मतिमान्न प्रकाशयेत् ।।"
यानी धन का नाश, मन का ताप (दुःख), स्त्री का चरित्र, किसी से ठगे जाने पर, किसी के द्वारा अपमान किए जाने की बात किसी को नहीं बतानी चाहिए। ये बातें गुप्त रखना ही बेहतर होता है।
चाणक्य के अनुसार ऐसी बातें जो हमेशा गुप्त रखनी चाहिए -
- यदि किसी इंसान को कभी भी धन की हानि हो या उसका धन बर्बाद हो जाए तो ये बात वह किसी अन्य को न बताएं। धन ऐसी चीज है जो इंसान का बल होता है और जब लोगों को ये पता चलता है कि आपके पास धन नहीं तो वह आपका सम्मान करना बंद कर सकते हैं और आपकी प्रतिष्ठा धूमिल कर सकते हैं। धन हानि पर लोग कभी मदद नहीं करते, बल्कि आपका उपहास उड़ाते हैं। इसलिए धन का आना या जाना दोनों ही बातें खुद तक रखनी चाहिए।
- अपने दुख या राज की बातें कभी दूसरों को न बताएं। ऐसा करान आपके लिए घातक साबित हो सकता है, क्योंकि विपरीत परिस्थितयों या दोस्ती टूटने पर आपकी सारी राज की बातें सार्वजनिक हो सकती हैं और लोगों के बीच आप मजाक के पात्र बन सकते हैं। इस दुख से आप अत्यधिक दुखी होंगे। इसलिए आपने घर, परिवार या खुद की बात किसी के सामने न रखें।
- किसी भी पुरुष को अपने जीवन और घर की बातों को हमेशा अपने तक ही रखनी चाहिए। खास कर पत्नी या उसके चरित्र के बारे में कभी किसी से बात नहीं करनी चाहिए। जो पुरुष अपनी पत्नी का सम्मान नहीं करता, वैसे पुरुष का समाज में कभी सम्मान नहीं होता। ऐसे पुरुष की प्रतिष्ठा हमेशा दांव पर रहती है। इसलिए अपनी पत्नी और परिवार की बातें किसी से न करें।
- चाणक्य नीति कहती है कि मान कि स्थिति हो या अपमान की स्थिति, हर समय समान बने रहना ही व्यक्ति को आगे बढ़ाता है। यदि जीवन में आपका कहीं अपमान हो तो उसे किसी दूसरे के समक्ष कभी नहीं बताएं, क्योंकि ऐसा कर के आप अपना सम्मान स्वयं ही गिराने का कारण बनते हैं।
- यदि आप किसी के द्वारा ठगे गए हैं अथवा आपको किसी ने धोखा दिया है तो आपको ये बात अपने तक ही रखनी चाहिए। अपने साथ हुई ठगी का जिक्र करने का मतलब है आप अपना माखौल खुद से उड़वाते हैं। लोग आपको मूर्ख समझते हैं इसलिए ऐसा करने से बचना चाहिए।
चाणक्य की ये नीति जीवन में हर किसी को जरूर उतारना चाहिए, ताकि वह अपना मान-सम्मान बनाए रखे।