- जीवन में आगे बढ़ने के लिए दूसरों की गलतियों से सीखना है जरूरी
- जो जीवन में बदलाव लाने की कोशिश करेगा वहीं सफल होगा
- व्यक्ति को भूत और भविष्य को छोड़कर वर्तमान में जीना चाहिए
Chanakya Niti in Hindi: आचार्य चाणक्य और उनकी नीति शास्त्र को जीवन में सफलता प्राप्त करने का प्रतीक माना जाता है। आचार्य चाणक्य की नीतियां ही थी, जिन्होंने चंद्रगुप्त मौर्य जैसे एक साधारण बालक को भी सम्राट बना दिया। इनकी नीतियां न केवल व्यक्ति का मनोबल बढ़ाती हैं बल्कि जीवन में सफलता प्राप्त करने का रास्ता भी दिखाती हैं।
आचार्य चाणक्य द्वारा लिखी गई नीति शास्त्र में कई ऐसे सूत्र बताए गए हैं, जिन्हें अपनाकर एक आम व्यक्ति भी सफलता के शिखर पर पहुंच सकता है। जीवन में सफल होने के लिए इनकी ये 6 सीख बहुत मायने रखती हैं।
- आचार्य चाणक्य के नीति शास्त्र के अनुसार, किसी भी व्यक्ति को दूसरों की गलतियों से ही सीखना चाहिए। क्योंकि खुद पर प्रयोग करके सीखोगे तो आयु ही कम पड़ जाएगी।
- आचार्य चाणक्य के अनुसार, कुछ लोग इतने आलसी होते हैं कि वो हालात बदलने का प्रयास ही नहीं करते। जीवन जैसे चल रहा है, बस जीते चले जाते हैं। वहीं जो लोग प्रगति करना चाहते हैं, वो अपने लक्ष्य को पाने के लिए सब कुछ दांव पर लगाने से भी पीछे नहीं हटते। संभावना है कि वो हार जाएं, लेकिन ये कुछ कर दिखाने का प्रयास ही उन्हें सबसे अलग बनाता है।
- आचार्य चाणक्य के अनुसार किसी भी व्यक्ति को बीते समय के बारे में पछतावा नहीं करना चाहिए और न ही भविष्य के बारे में चिंतित होना चाहिए। व्यक्ति को हमेशा वर्तमान में जीना चाहिए।
- किसी भी व्यक्ति की शिक्षा उसकी सबसे अच्छी मित्र है। नीति शास्त्र के अनुसार, शिक्षित व्यक्ति हमेशा सम्मान पाता है। शिक्षा के सामने युवा शक्ति और सौंदर्य दोनों ही कमजोर हैं।
- आचार्य चाणक्य के अनुसार, व्यक्ति को बहुत ज्यादा ईमानदार और सीधा भी नहीं होना चाहिए, क्योंकि जिस तरह सीधे वृक्ष सबसे पहले काटे जाते हैं उसी तरह ज्यादा ईमानदारी भी नुकसानदायक होती है।
- आचार्य चाणक्य के अनुसार, व्यक्ति को दोस्ती हमेशा बराबर वालों में करनी चाहिए। जो व्यक्ति आपके स्तर से ऊपर या नीचे के हैं, उन्हें दोस्त न बनाओ। वो तुम्हारे कष्ट का कारण बन सकते हैं।
आचार्य चाणक्य के अनुसार जीवन में इन 6 सूत्रों को अपना लेने से कोई भी व्यक्ति सफलता को प्राप्त कर सकता है। अपनी गलतियों से सीखने के लिए किसी के पास भी पर्याप्त समय नहीं है, इसलिए कोशिश करके दूसरों की गलतियों से सीख कर आगे बढ़ना चाहिए। चाणक्य कहते हैं कि किसी भी मनुष्य को अपने वर्तमान में ही जीना चाहिए और वर्तमान को संवारने का प्रयास करना चाहिए।