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चाणक्य नीति : क‍िसी पर भी आ सकता है बुरा समय, चाणक्‍य ने बताए हैं नि‍पटने के ये तरीके

Updated Jun 12, 2020 | 20:38 IST

Chanakya Niti for bad phase in life : जीवन में हर किसी के लिए बुरा समय आता है और इस समय से निकलने के लिए चाणक्य की नीतियों से बहुत संबल मिलता है।

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Chanakya Neeti : बुरे वक्‍त का कैसे करें सामना
मुख्य बातें
  • बुरे वक्त मे अपनी हिम्मत और विश्वास को बनाए रखें
  • भविष्य की चिंता और भूत का पछतावा छोड़ना सीखें
  • बुरे वक्त से डरने की जगह मुकाबला करना सीखें

जीवन में समय सबका हमेशा एक समान नहीं चलता। कभी समय अच्छा तो कभी बुरा आता ही रहता है। यदि आपके जीवन का समय अच्छा नहीं चल रहा तो आपको घबराना चाहिए चाहिए। हालांकि यह कहना आसान है, लेकिन करना मुश्किल। चाणक्य ने बुरे वक्त से निकलने और उसका सामना करने से जुड़ी बहुत सी ऐसी बातें बताईं हैं जो आपके आत्मविश्वास को बढ़ाएंगी और आपको बुरे वक्त से मुकाबला करने का बल देंगी। चाणक्य ने भी अपने जीवन काल में बहुत लंबा समय ऐसा बिताया था जो उनके लिए अपमानजनक और बेहद बुरा था। इन सब से सीख लेते हुए ही उन्होंने अपनी नीतियों में ऐसी बातों का उल्लेख किया है जो बुरे वक्त में काम आती हैं।

चाणक्य की सलाह, बुरे वक्त से ऐसे करें मुकाबला

भयभीत नहीं डर पर काबू पाना सीखें

बुरा समय आने पर भयभीत होने से वह और गंभीर हो जाता है, इसलिए बुरे वक्त में हमेशा निरडता का परिचय दें। डरने और घबराने से अच्छे और सही विचार भी मर जाते हैं, इसलिए ऐसे समय में धैर्यता के साथ पेश आएं और इत्मिनान से बुरे वक्त को खत्म करने की युक्ति निकालें। बुरा समय आने पर सबसे पहले अपने डर पर ही काबू पाना सीखें, क्योंकि ये कमजोर बनाता है और कई बार ये इंसान पर ऐसा हावी होता है कि इंसान इस वक्त से कभी भी निकल नहीं पाता। चाणक्य ने डर एक योद्धा बताया है और कहा है कि यह इस तरह से मनुष्य पर हमाल करता है कि यदि वह सजग न हो तो वह मार ही डालेगा।

बीते वक्त से बाहर निकलना सीखें

चाणक्य का कहना है कि बीते वक्त में रहने की आदत को छोड़ने से ही बुरे वक्त से मुक्ति मिलती है। बीते वक्त की बातों को याद कर पछताना और भविष्य को लेकर चिंता इंसान को समय से पहले मार देती हैं और उसका वर्तमान समय भी खराब करती है।सच बात है कि असफलता का दौर बुरा होता है, लेकिन उसे लेकर बैठे रहना उससे ज्यादा बुरा होता है। इसलिए वर्तमान में खुद को कैसे संभाला जाए इस पर विचार करना चाहिए।

भविष्य कभी नहीं आता

यह सच है कि भविष्य के लिए खुद को संभाल कर और बचत करना चाहिए, लेकिन भविष्य कभी नहीं आता। आता है तो वर्तमान और यही बात चाणक्य ने अपनी नीतियों में समझया है। वर्तमान में जीना और उसके लिए संघर्ष करना सार्थक है, लेकिन भविष्य की चिंता बहुत ज्यादा करना बुरे वक्त की दस्तक हो सकता है। भविष्य में क्या होगा, ये सिर्फ सोचा जा सकता है और सोच कर समय को बर्बाद करना होता है। वर्तमान में हालात आपके पक्ष में नहीं है तो आपको उससे निकलने का प्रयास करना चाहिए और वह संभव न हो तो आप उसे उसी स्थिति में छोड़ देना चाहिए।

पैसो की बचत हमेशा करनी चाहिए

भले ही भविष्य को न देखा हो पर वर्तमान तो देख रहे हैं, इसलिए पैसों की बचत हमेशा करनी चाहिए। बुरे वक्त में सबसे काम यही आता है। बुरे वक्त में यदि धन हो तो लोग भी साथ देते हैं अन्यथा कोई साथ नहीं आता। एक बात हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि अच्छा समय हमेशा नहीं रहता है और बुरा समय भी। इसलिए बुरे समय के लिए धन को संचय करना सीखें।

आत्मविश्वास के साथ बुरा वक्त भी बीतता है

यदि बुरा वक्त है और आपके अंदर आत्मविश्वास है तो वह वक्त जल्दी खत्म हो जाता है। बुरे वक्त से छुटकारे के लिए आत्मविश्वास का होना बहुत जरूरी है। आत्मविश्वास जैसे-जे बढ़ता है बुरा वक्त भी खत्म् होता जाता है। आत्मविश्वासहीन व्यक्ति बुरे वक्त में सबसे पहले हार मान जाता है।

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