मुख्य बातें
- कमजोर मित्र हमेशा ही नुकसानदेह साबित होते हैं
- धर्म, गुरु का ज्ञान, दवाइयां का संग्रह हमेशा रखना चाहिए
- शिक्षा घटिया प्राणी से भी मिले तो लेने में संकोच न करें
आचार्य चाणक्य ने अपने जीवनकाल में चंद्रगुप्त मौर्य को न केवल नंद वंश के नाश के लिए तैयार किया बल्कि उसे वह दांव-पेंच और जुगाड़ भी बताए जो उसे संपूर्ण भारत का सम्राट बनाने में कारगर साबित हुए। चाणक्य की नीतियों में बहुत गूढ़ बातें समाहित हैं और यदि मनुष्य इन गूढ़ बातों को गांठ बांध कर रख लें तो तय है कि वह अपने जीवनकाल में न केवल सफल, सुखी और विकासशील होगा बल्कि उसका मान-सम्मान भी होगा। आचार्य चाणक्य की कुछ ऐसी नीतियां हैं जिसे मनुष्य को जान कर अपने जीवन में उतार लेना चाहिए।
आचार्य चाणक्य की इन नीतियों को जीवन में उतारें
- जहां आदर न मिले, जीने का साधन न हो अथवा विद्या प्राप्त करने के स्थान नहीं होता वहां कभी नहीं रहना चाहिए।
- शक्तिशाली शत्रु और कमजोर मित्र हमेशा ही नुकसानदेह साबित होते हैं। ऐसे लोगों को दूर रहना चाहिए।
- जो लोग मिली हुई चीज को छोड़कर, उस चीज के पीछे भागते हैं, जिसके मिलने की कोई उम्मीद ही ना हो, ऐसे लोग हाथ आई चीजों के भी गंवा देते हैं।
- जिस जगह झगड़ा हो रहा हो वहां पर कभी भी खड़े नहीं होना चाहिए, क्योंकि कई बार भीड़ में गुनहगार नहीं बेकसूर लोग ही मारे जाते हैं।
- धर्म, गुरु का ज्ञान, दवाइयां का संग्रह हमेशा कर के रखना चाहिए। विपदा के समय यही चीजें काम आती हैं।
- मित्रता उससे करनी चाहिए जिसके अंदर शर्म, चतुरता, त्याग की भावना हो।
- सोना या बहूमूल्य आभूषण गंदी जगह में भी पड़े हों तो उन्हें तुरंत उठा कर रख लेना चाहिए।
- पत्नी जैसी भी हो, धन जितना भी हो और भोजन कैसा भी हो , यदि समय पर मिले तो उससे बड़ा उपहार कुछ और नहीं होता।
- शिक्षा यदि किसी घटिया प्राणी से भी मिले तो लेने में संकोच नहीं करना चाहिए|
- यदि किसी दुष्ट वंश में बुद्धिमान कन्या हो तो उससे शादी करने में संकोच नहीं करना चाहिए। गुणता का आदर हमेशा करना चाहिए।
- पागल ,बुद्धिहीन आदमी से हमेशा दूरी बना कर रहना चाहिए, ऐसे लोग पशु के समान होते हैं।
- अपने मन का भेद दूसरों को कभी नहीं देना चाहिए। ऐसा करने वाले जीवन में धोखा ही धोखा खाते हैं।
- मक्खी के सिर में और बिच्छू की दुम में जहर होता है, लेकिन एक नीच इंसान के पूरे शरीर में जहर होता है। ऐसे इंसान की पहचान हो जाए तो तुरंत दूर हो जाना चाहिए।
- जीवन में किसी भी खतरे को सामने देखकर डरना नहीं चाहिए, बल्कि खतरा सामने हो तो उससे मुकाबला जरूर करना चाहिए। मुकाबला करने पर ही आप डर से जीत सकते हैं।
- कोई कार्य यदि आरंभ कर दिया तो उसे करने में संकोच या घबराहट महससू न करें और न ही इस काम को अधूरा छोड़ें।
- संतोष और धैर्य जीवन में जरूर होना चाहिए, क्योंकि सुख प्राप्ति का यही जरिया है। ये न होगा तो इंसान कभी सुखी नहीं हो सकता।