- गलत को गलत कहने का रखें साहस
- मीठा बोलने वाले पीठ में छुरा भोंकते हैं
- विपत्ति में रिश्तेदारों की पहचान होती है
आचार्य चाणक्य की नीतियों से जो सीख लेता है वह जीवन में बहुत आगे तक जाता है। इसके पीछे कारण यही है कि वह सफलता पाने के मूल मंत्र को पहचान चुका होता है। चाणक्य की नीतियों में सफलता पाने के मंत्र ही नहीं बल्कि लोगों की पहचान और भरोसे की निशानी के गुण भी बताए हैं। चाणक्य की एक चीज जो हर इंसान को जरूर जाननी चाहिए, वह यह कि लोगों की पहचान कैसे करें अथवा कैसे लोगों से दूर रहें। चाणक्य ने बहुत ही बारिकी से अपनी नीतियों में बताया है कि कौन से लोग दोस्त हो कर भी दुश्मन के समान होते हैं।
चाणक्य की इन नीतियों से लें सीख, नहीं पाएंगे धोखा
- मीठी बातें भले ही सुनने में अच्छी लगती हैं, लेकिन चाणक्य ने ऐसे मीठी बातें करने वालों से दूर रहने की सलाह दी है। उनका कहना है कि हमेशा मीठी बातें वही कर सकता है जिसके अंदर जहर से भरा हो। ऐसे लोग सामने अपने दोस्तों की बहुत अहमियत बताते हैं, लेकिन पीठ पीछे ये लोग उनके लिए गड्ढे खोदते हैं। उन्होंने ऐसे मित्र को सही बताया है जो परिस्थिति के अनुसार नहीं बोले बल्कि सत्य बोलने वाला हो। कटु बोलने वाले सामने कठोर नजर आते हैं, लेकिन उनका दिल साफ होता है।
- चाणक्य ने ऐसे लोगों से भी दोस्ती न रखने की सलाह दी है जो आप पर बात-बात में अहसान जताएं या आपका प्रयोग वह अपने अनुसार करें। ऐसे लोग मौका परस्त होते हैं। ऐसे लोग भले ही आपके कुछ काम कर दें, लेकिन ये न तो विश्वसनीय होते हैं और न ही दोस्त। ऐसे दोस्त बनाएं जो आपके काम आपके कहने से पहले समझ लें और उनके कार्य करने का पता किसी को न चले।
- जो बहुत ज्यादा महत्वाकांक्षी या धन प्रेमी हो, ऐसे लोगों से भी दूरी बना कर रखनी चाहिए। ऐसे लोग अपनी महत्वाकोक्षा को पूरा करने के लिए आपकी भी बलि चढ़ा सकते हैं अथवा आपके मार्ग में कांटे बो सकते हैं। ऐसे लोगों से भी दूरी बना कर रखें जो धन के आगे सब कुछ छोटा समझते हैं। ऐसे लोग कैस् भी काम केवल पैसे के लिए कर सकते हैं।
- चाणक्य ने ऐसे लोगों से भी दूरी बनाए रखने की सलहा दी है जो दूसरों की तरक्की देखकर जलते है और दूसरो के बारे में अपशब्द कहते हैं। जो लोग आपके मुंह पर दूसरों को भला बुरा बोलते हैं वह तय है कि आपके पीछे भी आपको ऐसे ही बोलते होंगे।
- चाणक्य ने खुद के लिए भी कुछ बातें बताई हैं, जो जीवन में सफलता के लिए समझनी बेहद जरूरी हैं। चाणक्य ने कहा है कि बहुत ज्यादा सीधा और ईमानदार किसी को नहीं होना चाहिए। क्योंकि सीधे और ईमानदार लोगों को लोग सबसे पहले अपना शिकार बनाते हैं। ठीक उसी तरह जैसे पेड़ यदि एकदम सीधा हो तो उसे सबसे पहले काट दिया जाता है।
चाणक्य की इन नीतियां जीवन में विपरीति परिस्थितियों से बचने का ज्ञान देती हैं।