- कुछ बातों को गुप्त रखने की सलाह देते हैं चाणक्य
- चाणक्य नीति से होता है सभी समस्या का समाधान
- चाणक्य की बातों से इंसान को मिलती है प्रेरणा
Acharya Chanakya Niti In Hindi: आचार्य चाणक्य को कुशल राजनीतिज्ञ, अर्थशास्त्री और महान शिक्षाविद कहा जाता है। आचार्य चाणक्य के ग्रंथ से हमें कई तरह की शिक्षा मिलती है। जीवन से जुड़ी कई पहलुओं की समस्याओं को लेकर चाणक्य ने इसके हल बताए हैं। चाणक्य की नीतियों का पालन करने पर लोग जीवन में कई परेशानियों से मुक्ति पा सकते हैं और सफलता भी हासिल कर सकते हैं। हम अपने आस पास कई लोगों से मिलते हैं। इनमें से कुछ हमारे बेहद करीबी भी होते हैं, जिनके साथ हम अपने दुख-सुख को साझा करते हैं। ऐसा कहा भी जाता है कि दूसरो के साथ अपने तनाव या समस्या को साझा करने से मन हल्का होता है।
लेकिन आचार्य चाणक्य ने कुछ ऐसी बातों के बारे में बताया है, जिसे किसी के साथ भी शेयर नहीं करना चाहिए। चाहे वह व्यक्ति आपका कितना भी करीबी क्यों ना हो। इन बातों का जिक्र करने से आप खुद का ही नुकसान करेंगे। जानते हैं कौन सी हैं वो बातें..
दुख
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि अपना दुख कभी किसी को नहीं बताना चाहिए। क्योंकि कोई आपके दुख को कम नहीं कर सकता है। आपका दुख सुनकर भले ही सामने वाला सहानुभूति दिखाएगा लेकिन आपके पीठ पीछे वह आपका मजाक भी उड़ाएगा।
प्रेम संबंध
अपने प्रेम संबंध के बारे में ज्यादातर लोग दोस्तों से इसकी चर्चा करते हैं। चाणक्य कहते हैं ऐसा करने से भविष्य में यह आपके लिए मुसीबत बन सकता है। इसलिए प्रेम संबंधों की चर्चा भी किसी से नहीं करनी चाहिए।
परिवार या पत्नी की बातें
पति-पत्नी का रिश्ता विश्वास पर टिका होता है। इसलिए पति पत्नी के बीच कुछ अनबन हो गई हो या पारिवारिक मतभेद चल रहा हो तो इसकी भी चर्चा बाहर के व्यक्ति से नहीं करनी चाहिए। इससे समस्या का हल नहीं होता बल्कि कलह और बढ़ता है।
धन से जुड़ी बातें
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि किसी करीबी या अंजान दोनों ही तरह के व्यक्ति से धन संबंधी बातें नहीं करनी चाहिए। जैसे आप कितना कमाते हैं, घर पर कितना खर्च होता है और आप कितना बचाते हैं। ये सारी बाते किसी के साथ भी साझा नहीं करनी चाहिए।
अपमान की बात
अगर जीवन में आपने कभी किसी का अपमान किया है तो इसका जिक्र भी किसी के साथ न करें। ऐसा करने से सामने वाला व्यक्ति भी आपका अपमान कर सकता है। साथ ही इससे आपको शर्मिंदा भी होना पड़ सकता है।
(डिस्क्लेमर: यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)