- वृश्चिक राशि पर लगेगा 2021 का पहला चंद्र ग्रहण
- यह ग्रहण दोपहर 02 बजकर 17 मिनट से सायंकाल 07 बजकर 20 मिनट तक यह ग्रहण रहेगा
- ये चंद्र ग्रहण सिंह व कन्या राशि के लिए थोड़ा सा कष्टदायक हो सकता है
दिनांक 26 मई 2021 दिन बुधवार वैशाख माह शुक्ल पक्ष की वैशाख पूर्णिमा को उपच्छाया चंद्रग्रहण लगेगा।दोपहर 02 बजकर 17 मिनट से सायंकाल 07 बजकर 20 मिनट तक यह ग्रहण रहेगा।यह भारत मे पूर्ण चन्द्रग्रहण के रूप में नहीं दिखेगा लेकिन वेस्ट बंगाल,बंगाल की खाड़ी तथा उत्तरपूर्व के कुछ हिस्सों में छाया के रूप में ही दृश्य होगा। उपच्छाया चंद्रग्रहण ग्रहण की ऐसी स्थिति है कि जब चन्द्रमा की पृथ्वी पर छाया न पड़कर उसकी उपच्छया मात्र पड़ती है। चन्द्रमा पर एक धुंधली सी छाया दृश्य होती है।चन्द्रमा थोड़ा धूमिल दिखता है। उपच्छया ग्रहण में सूतक काल नहीं लगता।
यह उपच्छया ग्रहण वृश्चिक राशि के लिए थोड़ा कष्टदायक है। मेष व कन्या के लिए थोड़ी आर्थिक हानि रह सकती है। सिंह व कन्या के लिए थोड़ा सा कष्टदायक है। सिंह राशि को थोड़ी आर्थिक हानि व तुला के लिए व्यवसाय में संघर्ष की संभावना रहेगी। कन्या राशि के लिए आर्थिक शुभ वहीं कुम्भ व मिथुन के लिए शारीरिक रूप से कष्टदायी हो सकती है।
चंद्र ग्रहण 2021 का राशिफल
- मेष- शारीरिक कष्ट हो सकता है। आर्थिक हानि की भी संभावना है। मसूर का दान करें।
- वृष- आर्थिक परेशानी की संभावना रह सकती है। हनुमानबाहुक का पाठ करें।
- मिथुन- चन्द्रमा के बीज मंत्र का जप करें। महामृत्युंजय मन्त्र का जप फलदायी है। तिल का दान करें।
- कर्क- स्वास्थ्य सुख प्रभावित होगा। शिव उपासना करें। चावल का दान करें।
- सिंह- स्वास्थ्य सुख में कमी आ सकती है।श्री आदित्यहृदयस्तोत्र का पाठ करें। गेहूं का दान करें।
- कन्या- थोड़ी बहुत आर्थिक परेशानी आ सकती है। भगवान विष्णु की उपासना करें।
- तुला- आर्थिक परेशानी संभावित है। श्री सूक्त का पाठ करें। अन्न दान करें।
- वृश्चिक-ग्रहण इसी राशि पर है। हनुमानबाहुक का पाठ करें। अन्न दान करें। स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहें।
- धनु- व्यवसाय में परेशानी आ सकती है। श्री सूक्त का पाठ करें। धार्मिक पुस्तकों का दान करें।
- मकर- स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहें। तिल का दान करें। हनुमान जी की उपासना करें।
- कुम्भ- आर्थिक परेशानी आ सकती है। बजरंगबाण पढ़ें। तिल का दान करें।
- मीन- स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहें। चने की दाल का दान करें। श्री विष्णुसहस्रनाम का पाठ करें।
नहीं लगेगा सूतक काल:
यह ग्रहण अमेरिका, नार्थ यूरोप, पूर्वी एशिया, ऑस्ट्रेलिया तथा प्रशांत महासागर में पूर्ण चन्द्र ग्रहण के रूप में नजर आएगा। यह ग्रहण वृश्चिक राशि पर लगेगा। ग्रहण के समय सूर्य, शुक्र व राहु वृष में, मंगल व बुध मिथुन में, केतु व चन्द्रमा वृश्चिक में, शनि मकर तथा गुरु कुम्भ में रहेंगे।
उपच्छया चंद्रग्रहण लगभग ग्रहण की श्रेणी में नहीं आता। इसमें सूतक काल नहीं होता। ग्रहों का गोचर निरन्तर प्रभाव डालता है इसलिये प्रत्येक राशियां प्रभावित होंगी।