- छठ पूजा इस साल 9 नवंबर से 11 नवंबर तक मनाई जाएगी।
- छठ व्रत में व्रती निर्जला व्रत रखकर सूर्य भगवान को अर्घ्य देते हैं।
- छठ व्रत को करने से सभी मनोकामनाएं शीघ्र पूर्ण होती है।
Chhath Puja 2021 Vrat Katha in Hindi: छठ पूजा बिहार, झारखंड और यूपी में बड़ी धूमधाम से मनाई जाती हैं। इस साल यह पर 9 नवंबर से 11 नवंबर तक मनाई जाएगी। हिंदू छठ पूजा हिंदुओं का महान पर्व होता है। इस दिन छठी मईया और सूर्य भगवान की पूजा अर्चना की जाती हैं। छठ पूजा संतान प्राप्ति, संतान की सुरक्षा और सुखमय जीवन के लिए भक्त पूरी श्रद्धा के साथ करते हैं। हिंदू धर्म की मान्यता के अनुसार छठ पूजा को करने से छठी मईया हर मनोकामना को शीघ्र पूर्ण कर देती है।
धर्म के के अनुसार छठ पूजा करने के साथ-साथ उनकी महिमा और कथा को भी जाना बेहद जरूरी होता हैं। यदि आप छठ व्रत करने वाले हैं या करते हैं, तो यहां आप छठी मईया कौन है? क्यों की जाती है उनकी पूजा और उनकी पूजा करने से भक्तों को क्या प्राप्त हो सकता है, यह सारी जानकारियां इस कथा के माध्यम से आप जान सकते हैं।
छठ व्रत की कथा (Chhath Puja vrat)
पौराणिक कथा के अनुसार प्रियव्रत नाम का एक राजा था। उसकी पत्नी का नाम मालिनी था। राजा की कोई संतान नहीं थी। इस बात से राजा और उसकी पत्नी बहुत दुखी रहा करते थे। उन्होंने एक दिन संतान प्राप्ति की इच्छा से महर्षि कश्यप द्वारा पत्र पुत्रेष्टि यज्ञ करवाया। इस यज्ञ के बाद रानी गर्भवती हो गई और 9 महीने के बाद रानी ने एक मरे हुए पुत्र को जन्म दिया। इस बात को सुनकर राजा बहुत दुखी हुआ संतान की दुख में वह राजा आत्महत्या करने वाला था।
प्रकट हुई षष्ठी देवी (Chhath Puja vrat vidhi in hindi)
राजा जैसे ही आत्महत्या करने की कोशिश की उसके सामने एक दिव्य सुंदरी देवी प्रकट हो गई। देवी ने राजा को कहा कि मैं षष्ठी देवी हूं। मैं लोगों को पुत्र का सौभाग्य प्रदान करती हूं।जो भक्त सच्चे भाव से मेरी पूजा करते हैं, उनकी सभी मनोरथ में अवश्य पूर्ण कर देती हूं। यदि तुम भी मेरी पूजा-आराधना सच्चे मन से करोगें, तो मैं तुम्हारी सभी मनोकामना शीघ्र पूर्ण कर दूंगी।यह सुनकर राजा माता को हाथ जोड़कर नमस्कार करते हुए उनकी बात को मान लिया।
पूरी भक्ति और श्रद्धा से की पूजा (Chhath Puja vrat kahani)
राजा और उसकी पत्नी ने कार्तिक शुक्ल पक्ष की षष्टी के दिन माता षष्टी की पूजा पूरी भक्ति और श्रद्धा के साथ की। उसकी पूजा और भक्ति को देखकर माता बहुत प्रसन्न हुई। माता षष्टी ने राजा की पत्नी को पुत्र प्राप्ति का वरदान दिया।
इसके बाद ही राजा के घर में एक सुंदर बालक ने जन्म लिया। तभी से छठ का पर्व पूरी श्रद्धा के साथ भक्त मनाने लगें। शास्त्र के अनुसार छठी मैया सूर्य भगवान की बहन है।