- जन्माष्टमी के मौके पर नटखट गोपाल के जन्म का लाइव प्रसारण होगा
- मथुरा के आम लोगों ने भी कोरोना में दिखाई एकजुटता
- बांके बिहारी की पूजा में चुनिंदा लोग ही होंगे शामिल, पहले जैसा नहीं होगा कार्यक्रम
मथुरा:जन्माष्टमी का अपना ही महत्व है। भगवान के जन्म का इस बार होगा लाइव प्रसारण। कोरोना के कारण इस बार बांके बिहारी मंदिर का कपाट आम लोगों के लिए नहीं खुलेगा। जन्माष्टमी के दिन भी लोग अपने प्रिय भगवान को अपनी आंखों के सामने नहीं देखेंगे। इस बार न तो देशवासियों के लिए और न विदेशियों के लिए बांके बिहारी का कपाट खुलेगा। इस बार केवल पुजारी ही मंदिर में पूजा करेंगे।
जन्मोत्सव का होगा लाइव दर्शन
कोरोना महामारी के प्रकोप को देखते हुए इस बार संस्था ने कई तरह की सुरक्षा व्यवस्था को ध्यान में रखा। भगवान कृष्ण के जन्म के समय लोगों को मंदिर में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी, बल्कि लोगों को इसका लाइव दर्शन कराया जाएगा। ज्योतिषविदों के मुताबिक, जन्माष्टमी पर राहुकाल दोपहर 12:27 बजे से 02:06 बजे तक रहेगा। 11 और 12 अगस्त दोनों दिन जन्माष्टमी का त्योहार मनाई जा रही है। लेकिन 12 अगस्त को जन्माष्टमी मानना श्रेष्ठ है।
सामजिक दूरी का ध्यान रखते हुए मंदिर ने लिया फैसला
जन्माष्टमी के समय लोग कृष्णमय हो जाते हैं। भगवान की भक्ति में लीन होने के बाद किसी को अपनी सुध नहीं रहती। कोरोना के कारण मंदिर संस्था ने लोगों को इस बार मंदिर में प्रवेश न करने का फैसला लिया। असल में कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण से चिंतित श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान के सचिव कपिल शर्मा एवं वृन्दावन के ठा. बांकेबिहारी मंदिर के प्रबंधक मुनीष शर्मा ने सुझाव दिया था कि जन्माष्टमी जैसे पर्व पर आने वाले श्रद्धालुओं के सैलाब को सामाजिक दूरी के दायरे में ला पाना संभव नहीं हो पाएगा, इसलिए इस बार जन्माष्टमी के सार्वजनिक आयोजन पर प्रतिबंध लगाया गया।
मथुरा के आम लोग भी हुए सहमत
कोरोना के कहर को देखते हुए मंदिर के इस फैसले से आम लोग भी सहमत हैं। लोग अपने प्रिय भगवन के जन्म का लाइव प्रसारण देखने के लिए तैयार हो गए हैं। उनका मानना है कि इस मुश्किल दौर में सबको एकजुट होकर आगे बढ़ना होगा। वैसे तो देशभर के कृष्ण मंदिरों में जन्माष्टमी के समय खासी भीड़ होती है, लेकिन मथुरा के बांके बिहारी मंदिर की छटा देखने के लिए देश-विदेश से लोग आते हैं। इस बार उन्हें थोड़ी निराशा जरूर हो सकती है।