- अशोक सुंदरी, ज्योति और मनसा हैं शिवजी की तीन पुत्रियां
- मां मनसा को ही कहा जाता है देवी वासुकी
- कार्तिकेय और गणेश के अलावा शिव-पार्वती के तीसरे पुत्र हैं अयप्पा
Lord Shiva Family Histrory According To Shiva Purana: देवों के देव महादेव की पूजा हर हिंदू परिवार में की जाती है। विशेषकर शिवरात्रि, श्रावण और सोमवार का दिन भगवान भोलेनाथ की पूजा के लिए समर्पित होता है। प्रदोष व्रत, मासिक शिवरात्रि जैसे कई मौके पर तो पूरे शिव परिवार की पूजा करने का विधान है। आमतौर पर लोगों को लगता है कि माता पार्वती और शिवजी के दो पुत्र ही हैं। जिनका नाम गणेश और कार्तिकेय है। लेकिन शिवजी के दो नहीं बल्कि तीन पुत्र हैं और इसके अलावा शिवजी की तीन बेटियां भी हैं। यानी शिवजी के कुल 6 बच्चे हैं, जिसका वर्णन शिवपुराण में किया गया है।
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कौन हैं भगवान शिव के तीसरे पुत्र
कार्तिकेय और गणेश के अलावा भगवान शिव के एक और पुत्र हैं। शिवजी के तीसरे पुत्र का नाम अयप्पा है। गणेश और कार्तिकेय की तरह अयप्पा बहुत ज्यादा चर्चित नहीं हैं। लेकिन दक्षिण भारत में अयप्पा की बड़ी संख्या में भक्त हैं, जो पूरे श्रद्धाभाव से उनकी पूजा-अर्चना करते हैं। अयप्पा के अलावा भगवान शिवजी की तीन बेटियां भी हैं, जिनके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं। हालांकि इसकी चर्चा शिवपुराण में की गई है।
कौन हैं भगवान शिवजी की तीन पुत्रियां
अयप्पा की ही तरह भगवान शिव की इन तीन पुत्रियों को भी बहुत ज्यादा लोग नहीं जानते हैं। लेकिन भारत के कई हिस्सों में इनकी पूजा होती है। शिवजी की तीन पुत्रियों में अशोक सुंदरी, ज्योति या मां ज्वालामुखी और वासुकी या देवी मनसा हैं।
अशोक सुंदरी
शिवजी की बड़ी पुत्री का नाम अशोक सुंदरी है। कहा जाता है कि माता पार्वती को एक बेटी चाहिए थी, जिसके साथ वह अपना समय बिताए और अकेलापन दूर कर सके। इसके बाद शिवजी की बड़ी बेटी अशोक सुंदरी को पार्वती ने जन्म दिया। नाम की तरह ही अशोक सुंदरी रूप में भी बिल्कुल माता पार्वती तरह ही सुंदर थी। इनके सुंदरी नाम के आगे अशोक इसलिए जोड़ा गया क्योंकि अशोक सुंदरी का जन्म माता पार्वती का अकेलापन दूर करने के लिए हुआ था। अशोक का अर्थ होता है शोक का ना होना। गुजरात में अशोक सुंदरी की पूजा होती है।
ज्योति
ज्योति या मां ज्वालामुखी भगवान शिव और माता पार्वती की दूसरी पुत्री है। पुत्री ज्योति को लेकर अलग-अलग मान्यताएं हैं। पहली मान्यता है कि पुत्री ज्योति का जन्म भगवान शिव के तेज से हुआ। इसलिए उनका नाम ज्योति पड़ा। वहीं एक और मान्यता के अनुसार पुत्री ज्योति का नाम माता पार्वती के तेज से हुआ। शिव-पार्वती की दूसरी पुत्री ज्योति की पूजा तमिलनाडु के कई मंदिरों में की जाती है। बता दें कि ज्योति का दूसरा नाम ज्वालामुखी भी है।
मनसा
शिवजी की तीसरी पुत्री का नाम देवी मनसा है। कहा जाता है कि कार्तिकेय की तरह मनसा का जन्म भी माता पार्वती के गर्भ से नहीं हुआ था। इसलिए इन्हें माता पार्वती की सौतेली पुत्री कहा जाता है। मनसा मां की पूजा पूरे बंगाल में होती है। मां मनसा को ही देवी वासुकी के नाम से जाना जाता है।
(डिस्क्लेमर: यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)