- उल्टा न रखें कढ़ाई और तवा
- तवा और कढ़ाई करते हैं राहु का प्रतिनिधित्व
- बाहरी लोगों से छिपाकर रखें तवा
Rahu Ketu Upay For Kitchen: ज्योतिष शास्त्र में राहु-केतु को पापी ग्रह माना गया है। ये ग्रह शुभ और अशुभ दोनों तरह के फल देते हैं। राहु-केतु जिस ग्रह के साथ शुभ-अशुभ स्थिति में होते हैं वैसा ही परिणाम देते हैं। वास्तु शास्त्र के दृष्टिकोण से इन दोनों ग्रहों की बात करें तो, घर पर मौजूद सकारात्मक ऊर्जा को नकारात्मकता में परिवर्तित करने में इन्हीं दो ग्रहों की भूमिका होती है। घर की रसोई से इन दोनों ग्रहों का विशेष संबंध होता है और इसका अशुभ प्रभाव पूरे घर और परिवार के लोगों पर पड़ता है। इसलिए यह बेहद जरूरी है कि रसोईघर में बर्तनों को रखने से लेकर साफ-सफाई में विशेष सावधानी बरतों। जो लोग इन चीजों का पालन नहीं करते उन्हें राहु-केतु परेशान करते हैं, जानते हैं कैसै?
पूजाघर के बाद रसोई घर का अहम हिस्सा माना जाता है। जहां साफ-सफाई की सबसे ज्यादा जरूरत होती है। रसोई घर वह स्थान है जहां मां अन्नापूर्णा और देवी लक्ष्मी का वास होता है। पूरे परिवार के लिए यहीं भोजन तैयार होता है। इसलिए रसोईघर का संबंध सेहत से तो होता ही है, लेकिन इसके साथ ही इसका संबंध सुख-समृद्धि से भी होता है। रसोई बनवाते समय दिशा वगैरह का खास ध्यान रखना चाहिए। लेकिन अगर आप चाहते हैं कि राहु-केतु के बुरे प्रभाव आपको परेशान ना करें तो इसके लिए किचन के बर्तनों को लेकर इन बातों को जरूर ध्यान में रखें।
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तवा और कढ़ाई को लेकर बरतें ये सावधानी
- तवा को ऐसी जगह रखें, जहां किसी बाहरी व्यक्ति की नजर उस पर न पड़े। जब तवा का उपयोग ना हो तो उसे दराज, अलमारी या किसी ऐसी जगह रखें जहां उसे देखा ना सके।
- रात के खाने के बाद तवा को हमेशा धोकर ही रखें।
- रसोई में तवा या कढ़ाई जैसे बर्तन को कभी भी उल्टा नहीं रखना चाहिए। ऐसा करने से घर पर राहु के नकारात्मत ऊर्जा का संचार होने लगता है।
- जहां आप खाना बनाते हों, उसके दाईं ओर कढ़ाई और तवा जैसे बर्तन रखने चाहिए। क्योंकि दाईं ओर मां अन्नपूर्णा का वास होता है।
- कुछ लोग गर्म तवा में पानी डालते हैं। लेकिन वास्तु के अनुसार इसे गलत बताया गया है. ऐसा करने से जीवन में कई तरह की मुसीबतें आने लगती है।
कढ़ाई और तवा-किचन में सबसे ज्यादा और प्रतिदिन इन दोनों बर्तनों का सबसे ज्यादा प्रयोग किया जाता है। वास्तु के अनुसार तवा और कढ़ाई राहु का प्रतिनिधित्व करते हैं। इसलिए इन बर्तनों को लेकर विशेष सावधानी बरतने की जरूरत होती है।
(डिस्क्लेमर: यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)