- उत्तराखंड के डोल आश्रम में दुनिया का सबसे भारी श्रीयंत्र रखा गया है।
- अष्ट धातु से निर्मित इस श्रीयंत्र का वजन लगभग डेढ़ टन है।
- श्री पीठम में लगभग 500 लोग एक साथ बैठ कर ध्यान लगा सकते हैं।
Dol Ashram Uttarakhand.उत्तराखंड में हुए विधानसभा चुनाव के नतीजे कुछ ही घंटों में जारी हो जाएंगे। चारों धामों और मंदिरों के कारण इस पहाड़ी राज्य को देवभूमि कहा जाता है। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि इस राज्य में एक पांचवां धाम भी है। अल्मोड़ा जिले की पहाड़ियों और जंगलों के बीच स्थित डोल आश्रम को पांचवां धाम कहा जाता है। इस जगह पर दुनिया का सबसे भारी श्रीयंत्र रखा गया है।
डोल आश्रम अल्मोड़ा (Dol Ashram Almora) के लमगड़ा ब्लॉक पर स्थित है। इसकी स्थापना साल 1991 में की गई थी। यहां पर पांच देवी-देवता भगवान गणेश, विष्णु, शिव, शक्ति सूर्य और मां त्रिपुरा सुंदरी का मंदिर स्थित है। साल 2018 में दुनिया के सबसे भारी श्रीयंत्र को यहां पर स्थापित किया गया था। इसकी लंबाई साढ़े तीन फुट है। अष्ट धातु से निर्मित इस श्रीयंत्र का वजन लगभग डेढ़ टन (150 क्विंटल) है। श्री पीठम में लगभग 500 लोग एक साथ बैठ कर ध्यान लगा सकते हैं।
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आश्रम के अंदर है संस्कृत विश्वविद्यालय
आठ एकड़ में स्थित डोल आश्रम के अंदर एक संस्कृत विद्यालय भी है। इसमें लगभग 110 छात्र निःशुल्क पढ़ाई करते हैं। यहां मध्य प्रदेश, गुजरात से लेकर पड़ोसी देश नेपाल से भी लोग पढ़ने के लिए आते हैं। संस्कृत भाषा के अलावा स्टूडेंट्स को कंप्यूटर और अंग्रेजी भी पढ़ाई जाती है। विश्वविद्यालय के अलावा एक अस्पताल भी स्थित है। इसके अलावा यहां पर यात्रियों के ठहरने और खाना खाने की भी उचित व्यवस्था की गई है। वहीं, आश्रम में स्थित लाइब्रेरी में 10 हजार से अधिक किताबें हैं।
ऐसे पहुंचे डोल आश्रम
डोल आश्रम के लिए आपको दिल्ली के आनंद विहार अंतरराज्जीय बस टर्मिनल से आप हल्द्वानी के लिए बस ले सकते हैं। इसके अलावा नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से भी आप हल्द्वानी तक भी ट्रेन से जा सकते हैं।
अगर आप हवाई यात्रा करना चाहते हैं तो पंतनगर सबसे करीबी एयरपोर्ट है। हल्द्वानी से डोल आश्रम 83 किलोमीटर दूर है। आप डोल आश्रम के लिए बस या फिर टैक्सी भी ले सकते हैं।